आंखों की रोशनी ने छिना निर्मल का बचपन
आसींद (भीलवाडा, राजस्थान/ रूपलाल प्रजापति) जिले के आसींद उपखंड क्षेत्र की दडावट पंचायत के अंतर्गत हताण गांव निवासी सुरेश प्रजापत के चार वर्षीय पुत्र निर्मल प्रजापत के आंखों की रोशनी जन्म से ही चली गई साथ ही निर्मल अपने दोनों पैरों पर खड़े होने में भी समर्थ नहीं है वही सुरेश प्रजापत के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण महंगे इलाज का खर्च परिवार वहन करने में असक्षम है| वही सुरेश प्रजापत दिहाड़ी,मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रहा है अपने पुत्र निर्मल की इस अवस्था के कारण सुरेश प्रजापत मजदूरी पर भी नहीं जा पा रहा है वहीं सुरेश प्रजापत के परिवार ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से इलाज करवाने की गुहार लगाई है वहीं परिवार में चार वर्षीय पुत्र निर्मल,पांच वर्षीय पुत्री फुलवंता,एंव चार माह की पुत्री दिव्या सहित परिवार में स्वयं सुरेश पर जिम्मेदारीयो का मानो दुखों का पहाड़ टुट पड़ा... वही 22वर्ष पूर्व सुरेश के सिर से माता पिता का साया उठ गया जिससे सुरेश प्रजापत का परिवार गरीबी में जीवन यापन करने को विवश हैं वही ग्रामीण प्रवीण कुमार ने बताया की सुरेश प्रजापत के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मंहगे इलाज करवाने के लिए भारी भरकम खर्च का वहन करना मुश्किल हो गया है वही परिवार ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से इलाज करवाने एवं आर्थिक सहायता प्रदान करने की गुहार लगाई है