एक तरफ धनतेरस और दिपावली की खुशियां दूसरी तरफ माणकी गांव की महिलाए पीने के पानी के लिए कर रही धरना प्रदर्शन
रामगढ (अलवर, राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) रामगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत चोमा अंतर्गत मानकी गांव में जलस्तर नीचे जाने से पीने को पानी नहीं है वहां की महिलाओं को 2 से 3 किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना पड़ रहा है । लीज की आड़ में 300 फुट गहराई तक खनन के कारण जलस्तर नीचे जाने से आसपास में पीने को पानी नहीं है ।एक तरफ लोग घरों में धनतेरस और दिपावली की खुशियां मना लक्ष्मी पूजन कर रहे हैं वंही माणकी गांव की लक्ष्मी स्वरुपा गृहणीयां पीने के पानी के लिए भटकने के कारण धरना प्रदर्शन कर रही हैं। माणकी गांव की महिला केला देवी, चमेली, समीना, सरोज रानी, कृष्णा कुमारी, रामवती, और ग्रमीण अर्जुन ,औम प्रकाश ,राहुल खान ,नवल किशोर, जयराम प्रदर्शन करने वालों ने बताया की यंहा से आधा किलोमीटर से कम दूरी पर हम एक प्लीज की खान चल रही है जिसमे बीज की आड़ में धरती में 200 से 300 फुट गहराई तक पत्थर निकाल खाइयां बन गई है जिसके चलते हमारे गांव के पानी का जलस्तर ज्यादा नीचे चला गया है कुएं सूख चुके हैं बोरिंग में पानी नहीं है मजबूरन ग्रामीण महिलाओं को गांव से 2 से 3 किलोमीटर दूरी से पीने का पानी लाना पड़ता है। पानी की किल्लत के चलते बच्चों के रिश्ते करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमारे प्रधानमंत्री की घोषणा हर घर जल हर घर नल केवल घोषणा ही साबित हो रही है पीने के पानी का नामोनिशान नहीं है। महिलाओं का सारा सारा दिन पीने के पानी के जुगाड़ में ही समाप्त हो जाता है जबकि इन दिनों कृषि कार्य चल रहे हैं वहां पर बाहर से मजदूरों को बुलवाना पड़ता है पानी की समस्या के कारण मजदूर भी आने को तैयार नही होते। यदि कोई मजदूर आते भी हैं तो हम उनसे साफ कह देते हैं कि पानी की व्यवस्था कर से कर लावें। हमारी सरकार से मांग है कि हमारे गांव के लिए पीने के पानी की व्यवस्था कराई जावे, जिससे हम पानी के जुगाड़ में लगने वाले समय का सदुपयोग कर सकें।