नगरपालिका का खजाना नहीं खाली: फिर भी शहर में चहुंओर बदहाली, विकास कार्य नहीं होने से आमजन में रोष
खैरथल (अलवर, राजस्थान/हीरालाल भूरानी) स्थानीय नगरपालिका में भारी आय होने के बाद भी विकास का कोई नया कार्य नहीं होने से आमजन बेहद निराश है। मिली जानकारी के अनुसार शिविरों में भवनों व भूखण्डों के पट्टे से खैरथल नगरपालिका को करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की आय हो चुकी है।जो आगे भी जारी है, लेकिन नगरपालिका की ओर से कस्बे के विकास के लिए कोई नया कार्य करने में असफल रही है आरोप है कि बोर्ड के गठन को तीन वर्ष पूरे होने को है, लेकिन विधायक व चेयरमैन के बीच आपसी सहमति नहीं बन पाने से आमजन को सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। पालिका की ओर से बनाए गए सभी पार्क दुर्दशा के शिकार हैं,अब मानसून का आगमन हो चुका है और यहां दो - तीन बारिश हो चुकी है, लेकिन अभी तक शहर के सभी बड़े नाले गंदगी से लबालब भरे हुए हैं। रविवार को हुई बरसात के बाद आलम यह हो गया कि लगभग सभी सड़कों पर नालों की कीचड़ जमा हो गई।
स्टाफ का टोटा : - खैरथल नगरपालिका के पास नगरीय कर, पट्टों, कस्बे के चारों ओर लगाए गए होर्डिंग से तथा लघु यंत्रालय से आय हो रही है, फिर भी नगरपालिका में स्टाफ की कमी चल रही है। यहां की नगरपालिका में स्टाफ उस समय की है जब खैरथल नगरपालिका में 16 वार्ड थे,अब नगरपालिका खैरथल में 35 वार्ड हो गए हैं।
इस संबंध में नगरपालिका खैरथल के अधिशाषी अधिकारी आशुतोष आचार्य ने बताया कि यह सही है कि कर्मचारियों की कमी नगरपालिका में है, लेकिन सभी कार्य हो रहे हैं। कुछ कर्मचारियों को शिविरों में लगाया हुआ है। सफाई व रोशनी की व्यवस्था सुचारू है। बड़े नालों की सफाई जल्द कराई जाएगी। बोर्ड की बैठक भी जल्द बुलाने पर विचार किया जा रहा है। अन्य आरोप निराधार है। इस संबंध में नगरपालिका खैरथल के चेयरमैन हरीश रोघा ने बताया कि खैरथल नगरपालिका की ओर से जरूरत के सभी कार्य करवाए जा रहे हैं, बड़े विकास कार्य भी कराए जाएंगे। इसी कड़ी में नगरपालिका खैरथल के नेता प्रतिपक्ष विक्रम सिंह चौधरी ने बताया कि खैरथल के इतिहास में सबसे निष्कर्ष बोर्ड है। कस्बे की जनता विकास कार्यों को तरस रही है। सफाई व्यवस्था सही नहीं है। अनेकों बार अधिकारियों को बोर्ड की बैठक बुलाने के लिए ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन बैठक नहीं बुलाई जा रही है।