बरसात के पानी से कस्बा हुआ जलमग्न: दुकानों और घरों में घुसा पानी
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) किशनगढ़ बास कस्बे में पानी की निकासी नहीं होने से और किले की प्राचीन खाइयों में कस्बेवासियों द्वारा अतिक्रमण कर पक्का निर्माण किए जाने के बाद पूरा किशनगढ़ बास कस्बा बरसात होते ही जलमग्न हो जाता है। कस्बे में हुई बरसात के बाद पूरा कस्बा जलमग्न हो गया और दुकानों व मकानों में पानी भर गया।
किशनगढ़ बास कस्बे में पानी भरने की समस्या काफी वर्षों से चली आ रही है लेकिन इसका कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है। जिसके चलते बाजार में दुकानदारों और व्यापारियों की दुकानों में पानी भर जाता है, जिससे व्यापारियों को लाखों रुपए का नुक़सान हो रहा है। यहां पर जनप्रतिनिधि केवल चुनावी समय में लंबी - लंबी डींगे मारकर लोगों का वोट हासिल कर लेते हैं और उसके बाद इससे इतिश्री कर लेते हैं।
प्राचीन काल से किशनगढ़ बास कस्बे के नाले - नालियों और बरसात का पानी प्राचीन किले की खाइयों में जाता रहा लेकिन किशनगढ़ बास कस्बे की प्राचीन धरोहर कृष्ण गढ़ किले की खाइयों में तत्कालीन जन प्रतिनिधियों ने अपने स्वार्थ के लिए अपने मिलनसार और चहेतों को बेशकीमती खाइयों के पट्टे जारी कर दिए। उन्हीं की आड़ में अन्य लोगों ने भी नाजायज तरीके से अवैध निर्माण कर किले की खाइयों को विलुप्त कर दिया। जिसके चलते कस्बे के नालों और बरसात के पानी का रास्ता बंद हो गया और पूरा पानी कस्बे में भरने लग गया। जिसके चलते नालों का गंदा पानी और बरसात का पानी पूरी तरह से कस्बे के बाजार सहित घरों में भर जाता है।
कस्बे में हुई बरसात के बाद दुकानदारों की दुकानों में पानी घुसने के बाद उनके सब्र का बांध टूट गया। आखिरकार इसका जवाबदार है कौन। किशनगढ़ बास की इन स्थाई समस्याओं की ओर से छोटे से बड़े जनप्रतिनिधियों ने अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली है और इन कस्बेवासियों को उनके हालातों पर छोड़ दिया है।