शेखावाटी की सबसे बड़ी काटली नदी में 20 साल बाद मनसा माता की पहाड़ियों से आया पानी
उदयपुरवाटी / चंंवरा(एसएस राव)
मानसून की तेज बारिश के कारण काटली नदी का पानी दीपपुरा ककराना तक पहुंच गया। काटली नदी शेखावाटी की प्रमुख नदी है। यह जयपुर की पहाड़ियों से शुरू होकर खंडेला, गुहाला ,चौकड़ी पचलंगी,पापड़ा, जोधपुरा, कांकरिया, बाघोली, नेवरी , ककराना, मैनपुरा,भाटीवाड से होते हुए बगड़ से राजगढ़ के मरुस्थलीय टीलों में समाप्त हुआ करती थी। समाजसेवी सुरेश मीणा किशोरपुरा ने बताया कि पिछले 18-20 साल से यह नदी बरसात के पानी की कमी के कारण लुप्त होती नजर आ रही थी। यहां पर दिन रात बजरी के खनन के कारण 500 फुट गहराई के गड्ढों के कारण अच्छी तरह से पानी नहीं पहुंच पाता। इसी के साथ लोगों ने नदी के ऊपर अतिक्रमण कर रखा है जिससे नदी समाप्ति की ओर है।
शनिवार को खोह मणकसास मानसा माता की पहाड़ियों का पानी कांकरिया होते हुए काटली नदी में तेज पानी आने से यह स्पष्ट होता है कि पानी कभी भी अपना रूप दिखा सकता है। यह सच्चाई है कि लगातार बरसात हुई तो बड़े हादसे से भी नहीं नकारा जा सकता क्योंकि लोगों ने नदी के ऊपर अतिक्रमण कर जगह-जगह पक्के मकान तक बना लिए हैं। हालांकि बाघोली से पीछे नदी नहीं आई है। क्योंकि संपूर्ण नदी क्षेत्र में बजरी खनन का कार्य जोरों पर है। जिससे नदी के भाव क्षेत्र में जगह जगह 500 फीट गहरे गड्ढे बने हुए हैं। मनसा माता की पहाड़ियों का पानी काटली नदी में आने से लगभग 20 वर्षों बाद इसके पुनर्जीवित होने की उम्मीद जगी है। प्रकृति किसी भी समय अपना रूप दिखा सकती है झारखंड बद्रीनाथ केदारनाथ त्रासदी इसका जीवंत उदाहरण है। इस दौरान लाल सिंह लक्ष्मण सिंह नागर मल सैनी रामेश्वर माधोगढ़ प्रकाश गुर्जर सहित काफी संख्या में बच्चे और ग्रामीण मौजूद रहे।