जब बाड़ ही खाए खेत तो खेत को बचाए कौन: ऐसे हो अधिकारी तो कैसे मिलेगी चिकित्सा सुविधा ?
मेडतासिटी (नागौर,राजस्थान/ तेजाराम लाडणवा) जब बाड़ ही खेत को खाने लगे उस खेत को कौन बचा सकता है यह कहावत अक्सर हम सुनते आए हैं ऐसा ही कुछ मेड़ता रोड जनता के साथ हो रहा है, जिस विभाग के अधिकारी पर मेड़ता रोड पीएचसी को क्रमोन्नत सीएचसी बनाने का जिम्मा है उसी विभाग के अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर गत 15 वर्षों से मेड़ता रोड सहित आसपास के 30 गांव को मिलने वाली चिकित्सा सुविधा से महरूम करते आए हैं।
नागौर जिले की सबसे बड़ी 33 वार्डो की ग्राम पंचायत मेड़ता रोड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में क्रमोन्नत कराने के लिए जागरूक नागरिकों द्वारा गत 15 वर्षों से प्रयास किया जा रहा है, राजनीतिक स्तर पर सांसद एवं विधायक द्वारा भी विधानसभा में इसकी मांग पुरजोर तरीके से रखी जाती रही, मेड़ता ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से राज्य सरकार को भेजे जाने वाले आबादी एवं आउटडोर के आंकड़ों में फेरबदल कर मेड़ता रोड को मिलने वाली सुविधा से वंचित रखा गया,
इस बात का खुलासा इस बार जनता के सामने हो जाने से जनता में आक्रोश है, बड़ी ही विडंबना की बात है कि ब्लॉक सीएमएचओ सुशील दिवाकर भी मेड़ता रोड में ही निवास कर अपना निजी संचालित करते हैं, अपने निजी चिकित्सालय की कमाई कम ना हो इसी लालच में अपने पद का दुरुपयोग कर मेड़ता रोड के एक वार्ड कापडीवास की जनसंख्या 2169 दर्शा कर एक बार फिर मेड़ता रोड वासियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा से वंचित रख दिया
जबकि मेड़ता रोड ग्राम पंचायत नागौर जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है जिसकी जनसंख्या लगभग 40 हजार है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाले मरीजों के प्रति दिन आउटडोर 200 से अधिक रहता है , ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के इस कृत्य से नाराज जनता ने संभागीय आयुक्त भंवरलाल मेहरा के समक्ष पेश होकर कार्रवाई की मांग करते हुए मेड़ता रोड में सीएचसी खुलवाने की गुहार लगाई।
क्या कहते हैं ग्रामीण
- ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुशील दिवाकर ने अपने पद का दुरुपयोग कर किए गए इस कृत्य से जनता में भारी रोष है, यदि ऐसे अधिकारी अपने पदों का दुरुपयोग करते रहे तो गरीब जनता को न्याय और सुविधाएं कैसे मिल सकती है।
- सरपंच प्रतिनिधि मेघराज का कहना है कि:- मेड़ता रोड में पीएसी को सीएससी में कन्वर्ट करवाने के लिए 15 सालों से प्रयास किए जा रहे हैं मगर मेड़ता ब्लॉक सीएमएचओ अपने निजी स्वार्थों के कारण मात्र 1 वार्ड के 2021 ओ संख्या दर्द दर्शाई जा रही है जिसके कारण पीएसी से सीएससी कन्वर्ट नहीं हो पाई
- ग्रामीण जस्साराम लटियाल का कहना है कि:-. मेड़ता रोड में 33 वार्ड में प्रत्येक वार्ड में 1000 से लेकर 1500 मतदाता निवास करते हैं बीसीएमओ द्वारा मेड़ता रोड में एक अपना निजी हॉस्पिटल बना रखा है उसी करंट कम आंकड़े दर्शाए जा रहे हैं इसी कारण पीएसी को सीएससी होने में बाधाएं उत्पन्न हो रही है