आखिर लैब संचालक पर्दे के पीछे से क्यों देते हैं रिपोर्ट?
खैरथल अनाज मंडी में लैब का खेल
खैरथल (अलवर,राजस्थान/हीरालाल भूरानी) खैरथल की अनाज मंडी में बाहर स्थित लैब की रिपोर्ट के आधार पर व्यापार किया जा रहा है। जबकि मण्डी में सरकारी लैब है। मिली जानकारी के अनुसार खैरथल मंडी में सरसों तेल मिल व्यापारियों का खासा दबदबा है। ये व्यापारी उसी दुकान से माल खरीदते हैं,जिस लैब की रिपोर्ट ये चाहते हैं। इस सबके पीछे कहीं न कहीं सरकारी तंत्र भी शामिल है। विदित हो कि सरकार द्वारा लगभग तीस चालीस लाख रुपए खर्च कर अपनी खुद की लैब लगाई हुई है। वहीं लैब पर बैठने के लिए अलग से कर्मचारियों की नियुक्ति की हुई है तो उस लैब को मान्यता क्यों नहीं दी जा रही है। जबकि, किसानों के लिए सरसों में तेल की मात्रा जांचने की निःशुल्क उपलब्ध है तो बाहर की लैब की मान्यता मंडी में क्यों दी हुई है। सरकारी लैब के संचालक ने बताया कि सरसों सीड की दो प्रकार से जांच होती है। न्यू सीड व ओनली सीड।इन दोनों की जांच में करीब एक से डेढ़ किलो तेल की मात्रा का अंतर आता है। मंडी के बाहर वाली लैबों पर ओनली सीड पर मशीन को सैट किया हुआ है, जिसकी वजह से मंडी लैब व बाहर की लैब में अंतर आता है। संवाददाता द्वारा एक ही सैंपल से तीनों लैबों पर जांच कराई तो बाईपास स्थित लैब व अनाज मंडी की लैब लगभग बराबर आई जबकि सिनेमा रोड स्थित लैब संचालक ने रिपोर्ट शाम को देने की बात कही। दोपहर साढ़े बारह बजे दिए गए सैंपल की शाम 5 बजे तक रिपोर्ट नहीं दी गई। मौके पर देखने पर ज्ञात हुआ कि जांच का खेल पर्दे की ओट में खेला जा रहा है। किसी को भी लैब के अंदर जाने की अनुमति नहीं होती है। सचिव को भी नहीं घुसने दिया -- स्वयं कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सुरेन्द्र कुमार सैनी ने स्वीकार किया कि उन्हें भी इस लैब के अंदर नहीं घुसने दिया गया। सैनी ने बताया कि इस निजी लैब संचालक की शिकायत जिला कलेक्टर सहित विभाग के उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।