अमरूद, सिंघाड़े के स्वाद के बाद अब गुरलां के पपीते भी छाने लगे, पांच वर्ष के पौधे से ले रहे ऊनन्त किश्म के बीज
गुरला (भीलवाडा/राजस्थान) भीलवाड़ा राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 758 पर बसे गुरलां कस्बा अब तक अमरूद, सिंघाड़े और कई तरह के फूलों से ख्यातिप्राप्त रहा हैं मगर अब गुरलां पपीता में भी नाम कमा रहा हैं । गुरलां से बद्री लाल माली ने बताया कि ग्राम पंचायत गुरलां क्षेत्र के काबरो का खेड़ा स्थित बालुलाल कीर के मकान में पिछले पांच साल पपीते का पौधा लगा हुआ हैं जो लदकद होकर फल भी दे रहा हैं ।
बद्री लाल बताते हैं कि ये पांच वर्षीय पौधा हर वर्ष दो से चार किवंटल पपीता के फल देता आया हैं । यह पौधा रेडलेडी ताईवान 786 किश्म के पपीता दे रहा हैं । बालु लाल कीर ने बताया कि अमरूद, केरी, निबु, सिंघाड़े के साथ ही साथ विभिन्न प्रजाति के फूलों के बाद अब पपीता भी गुरलां की प्रसिद्ध होने लगी हैं । इसका मुख्य कारण यह हैं कि पिछले पांच वर्ष से इस ताईवानी पौधे से घर पर ही ऊनन्त किश्म के बीज और पौधे को तेयार कर रहे हैं जिससे फल व पौधों के लिए बाहरी व्यापारियों की मांग भी आनी लगी हैं जिसके चलते अब और अधिक गुणवत्ता वाले पौधे तेयार किये जा रहे हैं ।
रिपोर्ट:- बद्री लाल माली