पुलिस प्रशासन की वादा खिलाफी को लेकर धरनार्थियों में रोष
खनन के विरोध में साधुसंतों ओर ग्रामीणों ने ड़ीग - कैथवाड़ा मार्ग पर बुधवार को फिर रोका रास्ता
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ड़ीग उपखण्ड के आदिबद्री पर्वत श्रृंखला में बड़े पैमाने पर चल रहे खनन को पूर्णतया बन्द कराने की मांग को लेकर 16 जनवरी से साधु संतों अनेक ग्रामों के जनप्रतिनिधियों पर्यावरण प्रेमियों द्वारा ग्राम पसोपा में संचालित धरना प्रदर्शन के अंतर्गत बुधवार की दोपहर करीब 1 बजे प्रदर्शनकारियों ने गांव पसोपा में पुणे सड़क पर पड़ाव डालकर लगातार दूसरे दिन रास्ता जाम कर दिया। आंदोलनकारियों का कहना है की मंगलवार को उन्होंने पसोपा कैथवाडा मार्ग जाम किया था ताकि खनन सामग्री यहां से न जा सके तब मौके पर पहुंचे खोह थाना प्रभारी दारा सिंह व तहसीलदार डीग अशोक साह ने हमें आश्वस्त किया था कि इस परिक्रमा मार्ग से किसी भी खनन सामग्री के वाहनों को नही निकलने दिया जाएगा। परंतु आज दूसरे दिन ही खनन सामग्री लेकर बड़े पैमाने पर बाहर धड़ल्ले से निकल रहे हैं इससे साफ प्रतीत होता है कि प्रशासन की मिलीभगत से ही यह ब्रज विनाश हो रहा है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैये से सभी ग्राम वासी तथा सरपंचो में भारी रोष व्याप्त हैं जिसके चलते बुधवार को धरनार्थियों को पुनः मार्ग अवरुद्ध करने के लिए विवश होना पड़ा है। इसी विषय को लेकर पूर्व विधायक गोपी चंद गुर्जर, सरपंच जलाल खान ,पूर्व सरपंच सुल्तान सिंह पसोपा,आदिबद्री महंत शिवराम दास, भूरा बाबा ने मंगलवार को जिला कलेक्टर नथमल डिडेल से मिले थे तथा उन्हें इस विषय की गंभीरता से अवगत कराया था। जिसमें उन्हें बताया गया था की आदि बद्री व कंकाँचल दोनों दिव्य पर्वतों के 90 प्रतिशत भूभाग 2008 में वन संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जा चुका है ।अब मात्र थोडासा भाग रह गया है जीसे वन संरक्षक क्षेत्र घोषित किए जाने की आवश्यकता है। यह कार्य अविलंब होना चाहिए। खनन कर्ता राज्य सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का चूना लगाने के साथ आम जनों की आस्था के साथ खिलबाड़ कर रहे है। जिला कलेक्टर ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि हम सरकार को लिखकर स्थिति से अवगत करारहे है।