सेवा का दूसरा नाम, मानवता की मिशाल डॉ रिंकू मेहता
खैरथल (अलवर,राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) मानवता की मिशाल एक ऐसी शख्सियत जिसमें सेवा भाव कूट-कूट कर भरा हो जो ना दिन देखता है ना रात ना सर्दी देखता है ना गर्मी और बरसात 24 घंटे 365 दिन जिसके दिल दिमाग में एक सेवा भावी विचार चलता रहता है जो यह चाहता है कि मेरा हर पल सेवा कार्य में सदुपयोग हो जिनका प्रत्येक दिन गरीबों की निशुल्क नेत्र जाँच कर,निशुल्क दवाइयाँ देकर व निशुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन कर गुजरता हो जिनके लिए ये सब एक आम बात है ऐसी शख्सियत है लायंस क्लब खैरथल मंडी के पूर्व जोन चेयरपर्सन व लगातार 4 कार्यकाल के पूर्व अध्यक्ष लायन डॉ रिंकू मेहता
शनिवार 16 जनवरी को सुबह 5:50 पर जब लगभग आमजन चैन की नींद ले रहा था तब सेटेलाइट हॉस्पिटल खैरथल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश लालवानी का मोबाइल पर काॅल आता है कि किसी की म्रत्यु हो गई है तुरंत मोक्ष वाहिनी चाहिए डॉ रिंकू मेहता ने ड्राइवर को काॅल लगाया वो बंद था तो खुद ही घने कोहरे में मोक्ष वाहिनी लेकर चल दिये और भारी भरकम शव को खुद उठवाकर मोक्ष वाहिनी में रखवाया और शव को इस्माईल गांव में छोड़ कर आया।
डॉ रिंकू मेहता ने लायंस क्लब खैरथल मंडी द्वारा संचालित निशुल्क मोक्ष वाहिनी से हमारे द्वारा इस तरह के सेवा कार्य आम बात है हमारा दैनिक कार्य है जब भी कभी ट्रेन दुर्घटना से या किसी भी अन्य कारण से किसी की भी म्रत्यु हो जाने पर या घर से शमशान घाट पर हमारे द्वारा शव के छोड़ने की सुविधा है लेकिन आज जैसा कोहरा कभी भी नहीं देखा केवल 5 से 7 फुट दिखाई दे रहा था। ऐसे घने कोहरे में मोक्ष वाहिनी चलाना थोड़ा सूझबूझ का काम है। हम अपने आपको धन्य समझते है कि भगवान ने हमें इस तरह के सेवा कार्य करने का मौका दिया है।