ज्ञान रूपी रोशनी को जन जन तक पहुंचाने का माध्यम बने– सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज
विश्व स्तरीय वर्चुअल निरंकारी समागम का सफलतापूर्वक समापन
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) वर्तमान में संसार में संत महात्माओं की नितांत आवश्यकता है ताकि उन से शिक्षा प्राप्त करके सभी भक्ति मार्ग पर अग्रसर होकर स्वयं आनंदमय जीवन जिए और जन-जन तक ज्ञानरूपी रोशनी पहुंचाने का माध्यम बने l यह विचार सतगुरु माता जी ने 74 वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में वर्चुअल माध्यम द्वारा विश्व भर के श्रद्धालु भक्तों का आवाहन करते हुए समापन अवसर पर किए l संत निरंकारी मंडल खैरथल की प्रेस एण्ड पब्लिसिटी डिपार्टमेंट की मीडिया सहायक सोनम प्रेमी ने बताया कि इस तीन दिवसीय समागम का सफलतापूर्वक समापन हुआ जिस का भरपूर आनंद मिशन की वेबसाइट एवं साधना टीवी चैनल से विश्व भर के श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभु प्रेमी सज्जनों द्वारा लिया गया l समागम का मुख्य आकर्षण कवि सम्मेलन रहा l समागम के समापन सत्र में एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धा भक्ति विश्वास रहे मन में आनंद का वास रहे शीर्षक पर देश विदेश से आए हुए कवियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त की इस अवसर पर समागम के मुख्य विषय विश्वास भक्ति और आनंद पर एक विशेष इस मार्ग का समागम के अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के कर कमलों द्वारा प्रकाशित की गई जिसमें हिंदी अंग्रेजी एवं पंजाबी भाषा लेख सम्मिलित किए गए हैं l
इस वर्ष वर्चुअल रूप में प्रसारित हो रहे समागम में निरंकारी प्रदर्शनी भी पूर्व ही मिशन की वेबसाइट पर दर्शाई गई जिसमें मिशन के इतिहास एवं कल्याण यात्राओं तथा अन्य गतिविधियों को मॉडलों एवं चित्रों की सहायता से तथा बाल प्रदर्शनी के रूप में दर्शाया गया जो कि एक समागम का मुख्य आकर्षण रही l प्रदर्शनी में विश्वास भक्ति आनंद पर आधारित लघु नाटिका को कार्यक्रम के रूप में भी प्रस्तुत किया गयासमागम की प्रबंध व्यवस्था एवं भाग लेने वाले संत जनों के लिए उचित ठहरने एवं लंगर की व्यवस्था भी की गई तथा उनके आने में जाने के लिए भी उचित व्यवस्था की गई l