कामां का मूल निवासी बनकर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाकर आरपीएफ में हो गया तैनात, जांच में जुटी टीम
हल्का पटवारी व तहसील कार्यालय से खंगाला रिकार्ड
कामां (भरतपुर, राजस्थान/ मुकेश कुमार) उत्तर प्रदेश के बुलन्द शहर जिला अन्तर्गत खुर्जा निवासी एक व्यक्ति ने कामां कस्बें का मूल निवासी बनकर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र तहसील कार्यालय से जारी कराकर फर्जी तरीके से रेल्वे सुरक्षा बल में नौकरी पा ली। जिसकी जांच कमेटी गुरूवार को तहसील कार्यालय पहुंची। और हल्का पटवारी के बयान दर्ज किए। तथा आवश्यक दस्तावेज जुटाए गए।
मिली जानकारी के अनुसार बुलन्दशहर जिले के खुर्जा निवासी रामरतन पुत्र कंचन मीणा ने वर्ष 1998 में कस्बां कामां के दिल्ली दरवाजे का मूल निवासी बनकर अनुसूचित जनजाति का फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र जारी करा लिया था। और राजस्थान का मीणा जाति को केन्द्र में मिलने वाले आरक्षण का लाभ लेते हुए रेल्वे सुरक्षा बल में हैड कास्टेबिल के पद पर तैनात हो गया था। आज भी रामरतन मीणा उत्तर प्रदेश के दादरी रेल्वे स्टेशन पर प्रधान आरक्षक के रूप में तैनात है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर रेल्वे में नौकरी पाने की शिकायत पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रेल्वे सुरक्षा बल के पोस्ट कमान्डर वीरेन्द्र चौधरी,प्रधान आरक्षक राजकुमार दीक्षित व रेल्वे सुरक्षा बल के उपनिरीक्षक राजकुमार सिंह के नेतृत्व में जांच टीम गुरूवार को कामां तहसील कार्यालय पहुंची। और कामां कस्बां नम्बर एक के हल्का पटवार मुनेश कुमार के बयान दर्ज किए। तथा वर्ष 1998 में कामां तहसील कार्यालय से जारी किया गया अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज की फोटो कॉपी प्राप्त की। और अपनी जांच करके टीम रवाना हो गई।