गर्मी की दस्तक से पहले ही पानी के लिए मचा शहर में हाहाकार, पानी की टंकी पर चढ़ी महिलाएं
धोबी गट्टा स्थित पानी की टंकी पर चढ़ी महिलाएं पानी की समस्या को लेकर सुबह भी किया था प्रदर्शन
अलवर (राजस्थान/गिर्राज सौलंकी) अलवर के गर्मी की दस्तक से पहले ही पानी के लिए मचा शहर में हाहाकार शहर के धोबीगट्टा क्षेत्र के वार्ड नंबर 2 और 3 मैं पानी की समस्या को लेकर महिलाओं का जलदाय विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।मिली जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर 2 और वार्ड नंबर 3 की 2 दर्जन से अधिक महिलाओं ने पानी की टंकी पर चढ़कर पानी की मांग को लेकर जलदाय विभाग और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन। उन्होंने वार्ड पार्षदों पर आरोप लगाते हुए बताया कि विगत 6 महीनों से पानी की समस्या है लॉकडाउन में बाहर नहीं निकले और शिकायत नहीं दर्ज कराने पर पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ कोई दूसरी ओर स्थानीय जलदाय विभाग के कर्मचारियों की उदासीनता के चलते पानी की एक-एक बूंद को तरस रही है महिलाये । घर से एक से डेढ़ किलोमीटर दूर जाकर पानी भर कर ला रही है महिलाएं। मौके पर ना तो वार्ड पार्षद आए और ना ही जलदाय विभाग के कर्मचारी पहुंचे वहीं महिलाओं का पानी की टंकी पर चढ़कर पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन है जारी । 70 वर्षीय उम्रदराज महिला ने बताया वोट मांगने को तो आजा वे पानी ना देवे हमको। अभी तो गर्मी नया पड़ी पानी की बहुत विकट समस्या है। स्थानीय महिला ने जलदाय विभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमारी पानी की लाइन जमीन में दाग दी है और बड़ी कोठी वालों के दबाव में ऑनलाइन बंद कर दिए हमने भी बड़ी कोठी वालों की लाइन में सुराख कर पानी की पाइप लाइन जोड़ ली है पर उसके लिए हमें सुबह 5:00 बजे उठ कर आना पड़ता है । वहीं स्थानीय युवक ने बताया धोबी गट्टा क्षेत्र में एससी एसटी और ओबीसी के लोग कच्ची बस्ती में रहते हैं जिनको केवल चाहे नेता हो चाहे जलदाय विभाग का कर्मचारी हो या प्रशासन के लोग हो
आश्वासन दिया जाता है पानी नहीं दिया जाता
पानी की मांग को लेकर भी केवल आश्वासन के सहारे विगत छह-सात महीनों से इस जगह के लोग जी रहे हैं सुनवाई करने कोई भी नहीं आता मीडिया कर्मी केवल खबर चलाते हैं पर पानी दिलाने के आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल पाता हम जाए तो कहा जाए । जबकि विगत 1 दिन पहले ही मुख्यमंत्री के बजट घोषणा पत्र में चंबल का पानी मिलेगा पर कब मिलेगा यह किसी को नहीं पता एकमात्र जिले के मंत्री टीकाराम जूली भी हम लोगों की नहीं सुन पा रहे हैं बिन पानी कैसे जिए