डीग में बदहाल चिकित्सा सुविधाओं को लेकर भाजपा ने लगाया सरकार डीग की अपेक्षा का आरोप जन आंदोलन छेड़ने की दी चेतावनी
डीग भरतपुर
डीग -26 जून भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष लक्ष्मण कुमार शर्मा डीग के रैफरल चिकित्सालय में चिकित्सा सुविधाओं की बदहाल स्थिति पर चिंता जताते हुए इस संबंध में प्रदेश सरकार पर डीग के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
भाजपा नेता शर्मा ने इस संबंध में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री और जिला कलेक्टर को भेजें ज्ञापन में कहां है की राज्य सरकार की उपेक्षा के चलते डीग के रेफरल चिकित्सालय में सभी आधा दर्जन कनिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद पिछले 5 वर्षों से खाली पड़े हैं। रैफरल चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद सोमनोलॉजिस्ट के अभाव में पिछले 6 महीनों से गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच नहीं हो पा रही है। और उपखंड के लोगों को गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी कराने के लिए भरतपुर अलवर या मथुरा ले जाना पड़ रहा है। ज्ञापन में कहा गया है की रेफरल चिकित्सालय में चिकित्सकों के 6 कनिष्ठ विशेषज्ञों सहित 11 पद सृजित हैं। लेकिन वर्तमान में चिकित्सालय में मात्र 5चिकित्सक ही नियुक्त हैं। चिकित्सालय में हर माह करीब 200 प्रसव होते हैं लेकिन महिला रोग कनिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में जरा सी जटिलता होते ही प्रतिदिन आधा दर्जन महिलाओं को प्रसव के लिए भरतपुर रैफर करना पड़ता है। वही महिला चिकित्सक के अभाव में महिलाएं भी बस स्टॉफ से जांच चिकित्सा और प्रसव कराने में संकोच करती हैं। भाजपा नेता का आरोप है की डीग के रेफरल चिकित्सालय मैं नियुक्त बाल रोग चिकित्सक को सरकार ने डेपुटेशन पर जयपुर लगा रखा है जबकि बाल रोग चिकित्सक के अभाव में डीगउप खंड के बाशिंदों को कोरोना संक्रमण के दौर में भी छोटे-छोटे बच्चों को इलाज के लिए भरतपुर ले जाना पड़ रहा है ।भाजपा नेता शर्मा का आरोप है की सरकार द्वारा जिले भर में बयाना कामा और अन्य स्थानों पर चिकित्सालयों में चिकित्सकों की युक्तियां की जा रही हैं। लेकिन डीगके रेफरल चिकित्सालय में आधा दर्जन चिकित्सकों के पद रिक्त होने के बाद भी डीग उपखंड के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि नफरत चिकित्सालय में रिक्त पदों पर कनिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों और सोनोजोलिस्ट की शीघ्र नियुक्ति नहीं की गई तो भाजपा कार्यकर्ता स्थानीय लोगों को साथ में लेकर जन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
पदम जैन की रिपोर्ट