गाँव के अधिकांश मौहल्लों में नहीं पहुंचा चंबल का पानी, ग्रामीणों के समक्ष गहराया पेयजल संकट
डीग उपखंड के गाँव दाँतलौठी का मामला
जनूथर :- भरतपुर जिले के ग्रामींण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या से निजात दिलाने की खातिर चंबल परियोजना पर करोडों रु. का बजट आवंटित हुआ जिससे लोगों में एक आशा की किरण जागी कि आखिर अब उन्हें दशकों पूर्व पेयजल के संकट से छुटकारा मिलेगा मगर जमींनी स्तर पर यह परियोजना लोगों की प्यास बुझाने में नाकामयाब साबित हुई है जहाँ ग्रामींण क्षेत्रों के लोग अभी भी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं।उपखंड के गाँव दाँतलौठी के अधिकांश वार्डों में अभी भी लोगों को चंबल का पानी नसीब नहीं है।इतना ही नहीं गाँव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आंगनबाड़ी केन्द्र राजीव गांधी सेवा केन्द्र सरीखे सरकारी कार्यालयों पर भी चंबल का पानी नहीं पहंचा सका है।गाँव के बडे थोक बाबा का थोक पुरानी चौंपाल बीच का थोक बडे जाटव मौहल्ला के सैंकडों वाशिंदो को अभी भी चंबल का पानी नसीब नहीं हो सका है जिसके चलते लोगों में परियोजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर काफी रोष है।लोग महंगे दामों पर पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं।गाँव के बाहरी हिस्सों में तो भूमिगत चंबल पाइप लाइन बिछा दी गई है जिसके चलते गाँव के सीमित हिस्से में पानी आपूर्ति हो रही है वो भी अपर्याप्त एवं अनियमित जबकि गाँव के अधिकांश हिस्से अभी भी चंबल पेयजल से अछूते हैं।गाँव के सुल्तान थोक से लेकर राजीव गांधी सेवा केन्द्र तक जहाँ गाँव की अधिकांश आबादी निवास करती है अभी तक चंबल लाइन ही नहीं बिछाई गई है।ग्रामींण मोहन श्याम रामगोपाल मनोज प्रेंम सिंह का कहना है कि गाँव में वर्षों पूर्व जलदाय विभाग द्वारा आकाशीय टंकी तो खडी कर दी जिसमें लाखों रुपये खर्च किये गये मगर उसमें अभी तक एक बूंद पानी नहीं पहुंचा है जो सरकार की फिजूलखर्ची को दर्शाता है।गाँव का भूमिगत जल भी काफी खारा है। गाँव के युवा सतीश चंद लेखराज शर्मा रामगोपाल जलसिंह सहित दर्जनों युवाओं ने स्थानीय विधायक से ट्विटर हैश के जरिये पेयजल समस्या हल की गुहार लगाई मगर कोई समाधान नहीं हो सका है।वहीं उप सरपंच प्रकाशी देवी का कहना है कि यदि गाँव के पेयजल से वंचित मौहल्लों में शीघ्र ही चंबल पेयजल की सप्लाई नहीं की गई तो दर्जनों की संख्या में महिलाऐं उपखंड कार्यालय की ओर कूच कर आंदोलन करने को विवश होंगीं।