नीमराणा उपखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में दूषित पानी की की जा रही है सप्लाई जलस्तर नीचे जाने से जलदाय विभाग हुआ विफल
नीमराना (अलवर, राजस्थान/ कृष्णसिंह चौहान) नीमराणा उपखंड क्षेत्र की औद्योगिक क्षेत्र की ग्राम पंचायत सियानी कुतीना इस बार भी गर्मियों में टैंकरों के भरोसे रहेगी पानी की आपूर्ति
इस बार भी गर्मियों में टैंकरों के भरोसे रहेगी पानी की आपूर्ति इस बार भी गर्मियों में टैंकरों के भरोसे रहेगी पानी की आपूर्ति इस बार भी कुतिना व श्रीयानी के निवासी टैंकरों के सहारे रहना पड़ेगा क्योंकि अभी तक जल संस्थान की ओर से पेयजल समस्या से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए है
नीमराना, जेएनएन। गर्मी शुरू होते ही कुतिना व श्रीयानी को पेयजल संकट से जूझना पड़ता है। जल संस्थान की ओर से कोई पुख्ता इंतजाम न करने के कारण टैंकरों के सहारे भी पेयजल आपूर्ति की जाती है। लेकिन कुतिना में अधिकांश पेयजल आपूर्ति ट्यूबवेल से ही की जाती है। गर्मी बढ़ते ही जैसे ही भूजल स्तर नीचे जाता है, ट्यबवेल की क्षमता भी घटने लगती है। अन्य स्रोतों से भी पानी का प्रवाह घटना शुरू हो जाता है। जिसके कारण मई में पेयजल का संकट गहराने लगता है। जल संस्थान की माने तो शहरी क्षेत्र के दक्षिण एवं उत्तर जोन में जैसे-तैसे काम चल जाता है, लेकिन शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्रों नीमराना जोन में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट खड़ा हो जाता है। ऐसा नहीं है कि मई में पानी की मांग ज्यादा हो जाती है
पानी की व्यवस्था ठीक हो तो पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है, लेकिन लीकेज और वितरण व्यवस्था ठीक न होने के कारण कई वर्षो से यह समस्या बनी हुई है। इसका आज तक स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सकता है। इस बार भी फिलहाल पेयजल समस्या से निपटने के लिए जलसंस्थान की ओर से कोई इंतजाम नहीं नहीं किए हैं।लीकेज के कारण बर्बाद होता है हजारों लीटर पानी पेयजल संकट का एक बड़ा कारण पानी लाइनों के लीकेज है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लाइन काफी पुरानी है, जो जर्जर स्थिति में पहुंच गई है। जिससे बार-बार पानी लीकेज की समस्या आती है। इन लीकेज के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी सड़कों पर ही बर्बाद हो जाता है। तीन टैंकरों के भरोसे चल रही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था गर्मी में जब पेयजल संकट गहराने लगता है तो विभाग को टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति करनी पड़ती है, लेकिन इसमें भी जल संस्थान पूरी तरह से निजी टैंकरों पर ही निर्भर रहता है।टैंकरों से हो रही सप्लाई पीने योग्य पानी नही है क्योकि स्टॉक से लाया जा रहा है रीको औधोगिक क्षेत्र में बनाये गये स्टॉक से पानी की पूर्ति की जा रही है उसी स्टॉक पर लेबर नहाती ओर कपड़े दोती है पानी स्टॉक पूर्णतः ओपन है जिससे दुल मिट्टी चली जाती है इस स्टॉक को बच्चों ने तरणताल बना रखा है इस स्टॉक से सप्लाई किया गया क्षेत्र
1 किसान आदोलन शाजहापुर
2 कुतिना पंचायत नीमराना
3 श्रीयानी पंचायत नीमराना
दूषित पानी से होने वाले रोग अन्य जलजनित रोगों में दस्त, पेचिश, पोलियो और मेनिन्जाइटिस शामिल है। धुलाई के लिए अशुद्ध पानी से त्वचा और संक्रामक नेत्र रोग जैसे ट्रेकोमा हो सकता है। ट्रेकोमा से दृश्य हानि या अंधापन हो सकता है। ग्रामीण आबादी में जलजनित बीमारियों का खतरा अधिक होता है, लेकिन हर कोई प्रदूषित या दूषित पानी के जोखिम का सामना करता है