सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा में दायर एसएलपी को वापिस लेने की उठी मांग
जयपुर ,राजस्थान/ हरिओम मीना
कॉलेज विभाग की सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा 2015 सात साल हो जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई हैं। सैंकड़ों अभ्यर्थियों को अभी भी परिणाम आने का इंतजार है। अपने परिणामों को लेकर अभ्यर्थी नेताओ, अधिकारियों और कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी वो वहीं है जहां वो इस भर्ती से पहले थे। इसी परीक्षा में न्याय को लेकर मंगलवार सुबह ट्विटर ट्रेंड करवाया गया जो कि सफल रहा। लेकिन असली सफलता इस भर्ती से पीड़ित लोगो को न्याय मिलने पर ही मानी जाएगी।
इस संबंध में प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद मीना ने बताया कि यह परीक्षा शुरू से ही विवादों में रही। यूजीसी रेगुलेशन 2010 की पालना नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों को कोर्ट की पनाह लेनी पड़ी जिसमे हाई कोर्ट की सिंगल और डिविजनल बेंच में अभ्यर्थियों के पक्ष में परिणाम आया। लेकिन सरकार ने हठधर्मिता दिखाते हुए उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर कर दी। इस वजह से सैंकड़ों अभ्यर्थियों के परिणाम लंबित हो गए। काफी अभ्यर्थी काउंसलिंग होने के बावजूद पदस्थापन को भटक रहे हैं।इसी भर्ती में 153 पदो की कटौती की गई जिसकी बहाली को लेकर प्रतिनिधिमंडल विधायको के साथ मुख्यमंत्री जी से मिल चुका है लेकिन अभी राहत का इंतजार है। सीएम अशोक गहलोत ने पूरी भर्ती की समस्याओं को लेकर निदान की बात कही थी। आगामी सप्ताह में इस भर्ती को लेकर महत्त्वपूर्ण बैठक होने वाली है जिसमे सकारात्मक दबाव को लेकर सभी बेरोजगारों की और से ट्रेंड चलाया गया और उसे नेशनल ट्रेंड करवाने में सफल रहे। डा. भरत मीना ने बताया कि जल्द ही वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर एक बैठक आयोजित होगी जिसमे भर्ती की समस्याओं के संबंध में चर्चा होगी। डा. आशुतोष मीना ने आगामी समय में एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा सचिव एवम आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग से मिलकर मुद्दे का हल करने की बात कही। इस मौके पर संदीप हुड़ीवाल, डा. रामकिशोर मीना, नरेंद्र कुमार एवम अन्य साथी मौजूद रहे।