दिव्य दृष्टि पुस्तक का किया विमोचन
राजगढ़ (अलवर, राजस्थान/ महावीर सैन) जीत व हार आपकी सोच पर निर्भर होती है मान लो तो हार होगी ओर ठान लो तो जीत होगी ये स्वकथन उस महान व्यक्तित्व के है जो राजगढ़ में पले पढ़े ओर सरकारी नोकरी करते हुए कोटा शहर में खुद को स्थापित किया। डॉ. केएल दिवाकर जिन्होंने संघर्ष व कठिनाइयों से भरा जीवन को सहज भाव से भोगते हुए कर्म को प्रधानता दी त्याग व परोपकार की सुनहरी प्रतिमा जिनके सौम्य व मधुर भाष्य से पारिवारिक कड़ी जोड़ते हुए जीवन पर्यन्त व्यवस्थित किया। वही उन्होंने अपने शब्दों को मूर्त रूप देना व पुस्तकों को अपना सच्चा साथी माना वेदों का अध्ययन व मनन जीवन पर्यन्त किया। आर्य समाज को एक धड़कन का रूप दिया। इन्होंने अपना जीवन सत्य वचन व यथार्थ में जीना व अच्छें कार्य करने में व्यतीत किया। दिवाकर द्वारा रचित पुस्तक “दिव्य दृष्टि” जिसमें मंत्रो में सृष्टि की उत्पत्ति का वर्णन है प्रकृति का उल्लेख है। बड़ी ही सुंदरता से आकाश, पृथ्वी, नदियाँ, सूर्य, चंद्रमा, का वर्णन किया है। प्रश्नौपनिषद के आधार पर मनुष्य की उत्पत्ति बताई गई है। इस पुस्तक का विमोचन पूर्व उपाध्यक्ष नगरपालिका एवं ब्राह्मण समाज के सचिव प्रदीप शर्मा ने किया। इस अवसर पर झम्मन दुबे, सुनील शर्मा, आयुष शर्मा, ममता शर्मा, मधु शर्मा, मालती शर्मा, यज्ञा शर्मा डॉ. दीपशिखा, गायत्री देवी सहित अन्य गणमान्य जन मौजूद रहे।