अस्पताल मे दोनों सीबीसी मशीनें खराब और डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध ना होने के चलते निजी लैब संचालकों की हो रही है पो-बारह
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) डीग उपखंड में इन दिनों मौसमी बीमारियों के प्रकोप के चलते लोगो को जांच व सुविधाओं के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। वही रेफरल चिकित्सालय की दोनों सीबीसी मशीनें खराब होने और डेंगू की जांच की सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण उपखंड के गरीब रोगियों को जांच के दिए निजी लैबो पर भटकना पड़ रहा है। वर्तमान में खांसी जुखाम बुखार और डेंगू के प्रकोप के चलते रेफरल चिकित्सालय और नीम हकीमो के पास रोगियों का ताता लगा हुआ है ।लेकिन रेफरल चिकित्सालय में दोनों सीबीसी जांच की मशीने खराब होने के कारण रोगियों को सीबीसी जांच के लिए निजी जांच लैबो के पास जाना पड़ रहा है।
बदलते मौसम के मिजाज के चलते मौसमी बीमारियों का प्रकोप इस कदर है कि समूचे उप खंड में शायद ही कोई ऐसा घर बचा हो जिसका कोई ना कोई सदस्य खांसी जुखाम या बुखार की चपेट में ना हो। मौसमी बीमारियों के साथ डेंगू बुखार के रोगियों में भी एकाएक हुई वृद्धि ने लोगों के होश उड़ा रखे हैं। बर्तमान में रेफरल चिकित्सालय की ओपीडी में प्रतिदिन 800 से 1000 तक रोगी इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। इनमें अधिकतर रोगी खांसी जुकाम और बुखार से पीड़ित है। ऐसे रोगियों के इलाज से पूर्व सभी चिकित्सक उनकी सीबीसी जांच करा रहे हैं। लेकिन रेफरल चिकित्सालय की दोनों सीबीसी मशीने 16 अक्टूबर से खराब पड़ी है। जिसके चलते रोगियों को सीबीसी जांच कराने निजी लैबो की शरण लेनी पड़ रही है । चिकित्सकों का कहना है कि इस समय रोजाना आने वाली एक चौथाई रोगियों की सीबीसी जांच में प्लेटलेट्स कम निकल रही है। ऐसे रोगियों में डेंगू होने की आशंका को देखते हुए उनकी नियमित सीबीसी जांच जरूरी है साथ ही डेंगू की भी जांच कराए जाने की आवश्यकता होती है ।लेकिन रेफरल चिकित्सालय की दोनों सीबीसी मशीने खराब होने तथा डेंगू की जांच की सुविधा उपलब्ध ना होने के कारण ऐसे रोगियों को रोजाना जेब से पैसा खर्च कर निजी लोगों पर सीबीसी और डेंगू की जांच करानी पड़ रही है । जबकि कस्बे में संचालित निजी लेबो पर ना तो योग्य लैब टेक्नीशियन है और ना ही उनके यहां कोविड-19 के नियमो का पालन किया जा रहा है। और निजी लैब संचालकों द्वारा डेंगू की जांच के नाम पर गरीब रोगियों से 500 रुपये वसूल कर उनकी जेब पर डाका डाला जा रहा है।
डॉ नंदलाल मीणा (रेफरल चिकित्सालय प्रभारी डीग) का कहना है कि:- रेफरल चिकित्सालय की एक मशीन हो पुरानी और लगभग अनुपयोगी हो चुकी है जबकि दूसरी मशीन 16 अक्टूबर से खराब पड़ी है जिस को ठीक कराने के लिए संबंधित कंपनी को कंप्लेन दर्ज की जा चुकी है । जबकि डेंगू जांच की सुविधा फिलहाल रैफरल चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं है।