रामलीला पर कोरोना वायरस बिमारी का असर गाइडलाइन के अनुरुप संभव नहीं रामलीला का मंचन
14अक्टूबर से शुरु होनी है रामलीला
भरतपुर,राजस्थान
डीग (30सितम्बर) -कोरोना वायरस का असर आम जनजीवन और कारोबार पर ही नही पड़ा है,बल्कि तीज त्यौहार भी इससे प्रभावित हुए है।महामारी के चलते देशभर में तमाम आयोजन और धार्मिक परंपराएं रद्द कर दी गई है।इसी को लेकर रियासतकाल से निरंतर चल रही डीग की रामलीला के मंचन पर भी कोरोना वायरस संक्रमण की काली छाया मंडरा रही है।वही कोरोना वायरस संक्रमण के कारण रामलीला मंचन पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है।सामाजिक दूरी का अनुपालना नही होने की स्थिति में मंचन होगा या नही इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति है।
डीग रामलीला का वर्षों पुराना है इतिहास -डीग कस्वें के वरिष्ठ साहित्यकार वैध नंदकिशोर गंधी ने बताया कि डीग रामलीला का इतिहास एक सदी से भी अधिक पुराना है।डीग रामलीला का मंचन 1905में व्याकरण मनीषी विघारत्न विभूषित पं नारायण लाल एवं रियासत के कालीन तत्कालीन महाराजा किशन सिंह के सानिध्य में शुरु हुआ।वर्ष 1947तक रामलीला का खर्चा राजपरिवार के महाराजा बृजेन्द्र सिंह की रियासत से मिलता था।और बाद में अब डीग कस्वे की जनता से चंदा एकत्रित कर के रामलीला का आयोजन होता है।
अध्यक्ष नहीं चुनने से असमंजस की स्थिति-रामलीला कमेटी के उप अधिष्ठाता रहे पंड़ित मुरारी लाल पाराशर ने बताया कि 14अक्टूबर आश्विन द्वादशी या से रामलीला का आयोजन होना है। रामलीला का समापन विजय दशमी को रावण दहन के साथ अगले दिन एकादशी को भगवान राम का राज्याभिषेक कर दिया जाता है।लेकिन कोरोना वायरस बीमारी को मध्यनजर रखते हुए अभी रामलीला कमेटी के अध्यक्ष का निर्णय नहीं हो सका है।
- संवाददाता पदम चंद जैन की रिपोर्ट