गंम्भीर नदी में पानी छोडे जाने की मांग को लेकर मौरौली में हुई किसानो की पंचायत
बयाना (भरतपुर,राजस्थान/ राजीव झालानी) चार दशक से सूखी पडी गंम्भीर नदी मेें पांचना बांध का पानी छोडे जाने की मांग को लेकर गांव मौरौली के टोटाबाबा मन्दिर परिसर में बुधवार को किसानो की पंचायत हुई। जिसमें गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष भूराभगत, विजयबैसला ,पूर्व सरपंच रामजीलाल, श्रीलाल मास्टर, शिवराम, हरदेश, पप्पासिहं, उत्तमसिहं, प्रदीप,अतरसिहं आदि भी मौजूद रहे। किसान पंचायत में 40 सालो से पानी के अभाव में सूखी पडी गंम्भीर नदी और उससे उत्पन्न विभिन्न समस्याओ व फैल रही बेरोजगारी सहित अन्य समस्याओ पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
पंचायत को सम्बोधित करते हुऐ विजय बैसला व भूराभगत ने कहा कि पिछले 40 सालो से गंम्भीर नदी में पानी नही आने से हिण्डौन व श्रीमहावीरजी से लेकर बयाना-रूपवास व पूरा भरतपुर जिला धीरे धीरे रेगिस्तान में तब्दील होता जा रहा है। यहां का भूजल स्तर भी तेजी से गिरने के साथ ही पेयजल व सिंचाई के पानी की समस्या भी उत्पन्न होने लगी है। इधर खेती की भूमि की उर्बरा शक्ति भी क्षीण होने से अब किसानो को ग्रामीणो व पशुपालको के सामने खेती बाडी व पशुपालन के धन्धे को सुचारू रखने की समस्या भी खडी हो गई है। जिससे बेरोजगारी भी फैलने लगी है। किसान और ग्रामीणो के सामने पानी के अभाव में अपने परिवार का पालन पोषण करने में भी काफी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है। उन्होने कहा कि अगर गंम्भीर नदी को जीवंत करने के लिऐ अभी भी सामूहिक प्रयास नही किये गये तो आने वाली पीढी हमे माफ नही कर सकेगी। उन्होने गंम्भीर नदी मेें पानी लाने के साथ ही चम्बल नदी के व्यर्थ वहने वाले पानी को पांचना बांध में डाले जाने और पांचना बांध से गंम्भीर नदी में पानी छोडे जाने की मांग की। किसानो ने बताया कि इससे पूर्वी राजस्थान के भरतपुर व करौली जिलो में फिर से पहले की तरह हरियाली और खुशहाली आऐगी। पंचायत में कई किसानो ने ईस्टर्न कैनाल योजना को भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर केन्द्र सरकार से इसके लिऐ बजट आवंटित किये जाने की भी मांग की।