मानसून पूर्व की बारिश के बाद खेतों में गूंजने लगे गीत मल्हार
बयाना भरतपुर
बयाना 11 जून। ज्येष्ठ मास के अंतिम सप्ताह में दो बार यहां झमाझम बारिश होने के बाद अब किसान अपने खेतों की सार संभाल व जुताई बुवाई और कृषि आदानों की खरीद फरोख्त जैसे कामों में जुट गए है। अब तक भीषण गर्मी के चलते खेतों में सन्नाटा पसरा हुआ था। जो अब मानसून पूर्व की बारिश के बाद खेतों में जुताई बुबाई की गतिविधीयां बढने से टूटने लगा है। अब खेतों में जुताई बुबाई के कार्य के साथ लोकगीत व मल्हारों की स्वर लहरीयां भी सुनाई देने लगी है। बुधवार की देर शाम को भी यहां जोर दार बारिश होने से कस्बे के गली मौहल्लों व बाजारों की सडकों और नाले नालीयों सहित सावन की भांति खेत खलिहानों में भी बरसाती पानी उफन पडा था। जिससे प्यासी धरती की प्यास शांत हुई और खेतों की जमीन में जुताई बुवाई के अनुकूल नमी आने से किसानों में खुशी की लहर व्याप्त है। यहां के बाढनियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार शाम को 9 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई व इससे कुछ दिन पहले 3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। जो खेतों की जुताई बुवाई के लिए काफी लाभदायक बताई।
खादबीज की दुकानों पर उमडी भीडः- इधर मानसून पूर्व की बरसात के बाद कस्बे में खादबीज विक्रेताओं की दुकानो पर खादबीज व अन्य कृषि आदान खरीदने आने वाले किसानों की भीडभाड बढने लगी है। गुरूवार को भी इन दुकानों पर किसानों की दिनभर भीड लगी रही। जिसका कई खादबीज विक्रेता नाजायज लाभ भी उठाते देखे गए। किसानों का आरोप था कि खादबीज विक्रेता उनसे कृषि आदानों के निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य वसूल कर रहे है और पक्का बिल भी नही दे रहे हैै। इधर बाजार में रंग बिरंगी पैकिंगों में नकली व घटिया कृषि आदानों की बिक्री कर मुनाफाखोरी के भी आरोप लगाए। कृषि अधिकारी सुरेश गुप्ता ने सरकार के निर्देशो के अनुसार केवल सर्टीफायड कृषि आदान खरीदने व उनके पक्के बिल लेने की सलाह देते हुए संबंधित कृषि पर्यवेक्षक से किसानों को आवश्यक सलाह लेने को कहा है। उन्होंने बताया कि इस बार बयाना कृषि खंड में लगभग 30 हजार हैक्टेयर कृषि क्षेत्र में बाजरा, ज्वार,ग्वार, ढेंचा, तिलहन व दलहन आदि की बुबाई होने की संभावना है। यह सभी फसलें मानसून व वर्षा आधारित बताई है। उन्होंने किसानों को बाजरे में लगने वाले सफेद लट की रोकथाम के लिए बाजरे की बुबाई के समय आवश्यक दवा मिलाने की भी सलाह दी है।
बयाना संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट