बिना आदेश के दो जगह सरकारी स्कूल का हो रहा है संचालन, पुराने स्कूल को छोड़ना नही चाहता है स्टाफ
खैरथल (अलवर,राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) कस्बे के मध्य में पुरानी अनाज मंडी स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर प्रांगण में 67 साल पुरानी स्कूल का नया भवन बनने के बाद भी स्थानन्तरित नही किया जा रहा है ।जबकि नये भवन का तत्कालीन सँस्कृत शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने वर्ष 2017 में विधिवत उद्घाटन भी कर दिया ।लेकिन स्कूल के स्टाफ का मोह कस्बे के बीचों बीच स्कूल से नही छूट पा रहा है ।जबकि कई बार सरकारी आदेश भी हो चुके है । स्कूल स्टाफ द्वारा अपनी मनमर्जी से नए भवन में प्राथमिक विद्यालय का संचालन किया जा रहा है ।जबकि बारहवीं तक की क्लास वही पुरानी अंधरेनुमा भवन में संचालित की जा रही है ।इस विद्यालय में न तो स्वयं का खेल मैदान है न ही प्राथना व बाल सभा का स्थान है ।इस विद्यालय प्रांगण में इलाके में होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों में होने वाले कई कार्यक्रम की धूम बनी रहती है ।
वही दूसरी और भामाशाहों के सहयोग से दो बीघा जमीन में बने नए भवन में 12 कमरे ,पोषाहार बनाने का स्थान सहित मूलभूत सुविधाओं की सभी पूर्ति है ।इतने बड़े भवन में प्राथमिक क्लास में 140 बच्चे विद्या ग्रहण कर रहे है ।जबकि पुरानी बिल्डिंग में 103 बच्चे कक्षा छ से बारह तक अध्यन कर रहे है । यहाँ का स्टाफ पूरे दिन मौज मस्ती कर शाम को वापस लौट जाते है । स्कूल प्राचार्य महावीर प्रसाद वर्मा से जब पत्रकारों ने पूछा कि सर जब आपकी नई बिल्डिंग बन गई है तो स्कूल को स्थानांतरित क्यो नही किया जा रहा है तो उन्होंने बताया कि विभाग अनुमति देगा तो हम स्कूल को ले जाएंगे ।जबकि प्राथमिक क्लास भेजने में किस की अनुमति ली गई तो भड़क गए । उल्लेखनीय होगा सँस्कृत शिक्षा निदेशालय द्वारा सम्भागीय शिक्षा अधिकारी मुरारीलाल राव को खैरथल निरीक्षण हेतु भेजा गया था उन्होंने दोनों विद्यालय का निरीक्षण भी किया लेकिन स्टाफ ने उनको यह कह कर भ्रमित कर दिया कि अगर यह स्कूल वहा चली गई तो बच्चों का नामांकन घट जायेगा ।बच्चे दूसरे स्कूल में चले जायेंगे ।
नए भवन में कस्बे के भामाशाहों ने अपनी खून पसीने की कमाई से तीस लाख रुपये लगाए है व अब भी लगातार स्कूल में विकास कार्य करवाने में लगे हुए है ।भामाशाह ओमप्रकाश गुप्ता को 28 जून 2016 को भामाशाह जयंती पर राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया ।भामाशाह गुप्ता ने बताया कि उन्होंने आमजन के अथक प्रयासों से 2015 में पीपीपी मॉडल के अंतर्गत वर्ष 2015 में कस्बे के श्मशान घाट रोड पर पालिका की भूमि को अलॉट करा कर निर्माण चालू करवाया ।2017 में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के हाथों नए भवन का उदघाटन भी कराया ।तब से अब तक भामाशाहों के अथक प्रयास के बाद भी स्कूल स्थान्तरण नही किया जा रहा है ।नए भवन में शिक्षकों के साथ भी भेदभाव की शिकायत मिली कि एल एक के शिक्षक जो प्राइमरी क्लास ही पढ़ा सकते है ।उनको बड़ी क्लास दी हुई है वही एल दो के शिक्षकों को प्राइमरी क्लास पढ़ानी पड़ रही है । उन्होंने बताया कि कई बार विधायक ,जिला कलेक्टर ,सम्भागीय आयुक्त ,शिक्षा निदेशालय सहित मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर नए भवन में ही स्कूल संचालित करने की मांग कर चुके है ।इससे मंडी के व्यापारी व दानदाता अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं । फोटो कैप्शन-संस्कृत स्कूल का नया भवन।