इच्छित स्थान पर त्यागूंगा अपनी देह - बाबा हरिबोल
मुख्य मंत्री को लिखा खुला पत्र, हरिबोल ने कफन यात्रा में देह त्यागने का स्थान गोपनीय रखा
पहाड़ी (भरतपुर,राजस्थान/ भगवानदास) बाबा हरिबोल ने कहॉ की प्रशासन की मेरे शरीर त्याग देने के बाद नींद खूलेगी। उनका कहना था प्रशासन गूगे बहरे के साथ -साथ अन्धा भी है। यह बात बोलखेडा से पसोपा जाते समय हरिबाल ने कही है। उनका कहना था में किसी भी इच्छित स्थान पर इस बृज की पवित्र भूमि पर देह त्याग कर सकता है।
ब्रज मे कृष्ण भगवान की क्रीडा स्थली के विनाश से दु:खी हरिबोल दास बाबा की कफन यात्रा मंगलवार को बोलखेडा से रवाना होकर मातूकी, केदारनाथ, बिलोंदं, धाउकीबोडोली होते हुए पसोपा पहुची है। जो रात्रि को पसोपा मे विश्राम करेगे। कफन यात्रा के पहुचने पर प्रत्येक ग्राम मे उनका भव्य स्वागत किया गया। गा्रम वासियो ने बाबा से देह त्यागने को लेकर काफी मानमनुहार की है। बाबा का कहना हेै जब बंन्सीवाले की धरोहर की सुरक्षा हम सांधु संत नही कर सकते तो हमे जीने का अधिकार नही है।उनका कहना था में बृज की पवित्र भूमि से वादा खिलाफी नही कर सकता मेने जीने मरने की कसम खाई वादा खिलाफी सिर्फ सरकार या उनके आका कर सकते है।
बाबा के दु:ख को देख ग्रामवासियो में सरकार व प्रशासन के प्रति आक्रोष दिखाई दिया है।क्षेत्रवासियो का कहना था की प्रशासन संतो की उपेक्षा कर खनन माफिया का खुला सहयोग कर रहा है। जो बृज की संस्कृति को मिटाने पर आमादा है जिसे किसी कीमत पर बर्दास्त नही किया जावेगा। यदि संत हरिबोल को कुछ हो गया तो बृज आंचल में आग लग जावेगी। हरिबोल ने ग्रामीणो से कहॉ मे जब तक रहूगा तब तक प्रशासन नही सुनने वाला है।केई गावो में बाबा के सहयोग मे हाथ उठाकर सहयोग करने का समर्थन किया गया जगह जगह राधा कृष्ण के भजनो के साथ महिलाओ ने नृत्य किया है।
मुख्य मंत्री को लिखा खुला पत्र-- हरिबोल ने मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखकर अपनी भावनोओ को अवगत कराया है। बताया गया हे वह करीब दस वर्षो से नंगर पहाडी, तहसील के आदिबद्री,कनकाचल पर्वतो को लेकर ६अप्रेल को किय गया वादा यदि पूरा नही किया जाता है तो में अवश्य देह त्याग दूगा। जिसकी जिम्मेदार प्रशासन व सरकार की होगी।उन्होने आरोप लगाते हुए कहा भ्रष्टाचार के कारण अवेधखनन ऑवरलोडिग रूकने का नाम नही ले रहा है।