सुनो मुख्यमंत्री जी, चुनावी समय में कहा था अब होगा न्याय, लक्ष्मणगढ़ का कोई नहीं धणी धोरी, हो रहा है अन्याय
जनता के पास केवल वोट है वोट में लक्ष्मणगढ़ की जनता ने अलवर जिले के लिए इतिहास रचा है अब क्षेत्रीय विधायक को यहां की जनता को न्याय दिलाते हुए भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाए:-मोहनलाल महावल (सामाजिक कार्यकर्ता)
लक्ष्मणगढ़ (अलवर,राजस्थान/गिर्राज प्रसाद सोलंकी) लक्ष्मणगढ़ उपखंड मुख्यालय पर इन दिनों भू माफियाओं ने इस तरह गदर मचा रखी है कि दिन हो या रात 24 घंटे लगातार ट्रैक्टर पर ट्रैक्टर भरे घूम रहे हैं। जिसके चलते कस्बे वासी भय में व्याप्त है। क्योंकि ट्रैक्टर चालक अपनी स्पीड को इतना लिए हुए हैं जिसका कोई जवाब नहीं मिट्टी और पत्थर व कचरा डाल करके भूमि का रूपांतरण किया जा रहा है जल भराव क्षेत्र जल निकासी मार्ग कस्बे के सभी बंद कर दिए हैं। और मिट्टी का उठाव इस तरह चल रहा है कि मात्र 3 फुट की मिट्टी को ही खुदाई के आदेश है सरकार के द्वारा पर यहां 20 से 30 फुट तक की मिट्टी का खदान आप देख सकते हैं अब वर्षा ऋतु में इन गहरे गहरे गड्ढों के अंदर पानी भरता है और गांव के ही छोटे-छोटे बच्चे इनमें नहाने पहुंचेंगे और तैरने के चक्कर में इन गहरे गड्ढों में डूब कर के मासूम की अगर मौत होती है तो जिसका जिम्मेदार कौन होगा बताएं, क्षेत्र के अंदर इन भू माफियाओं ने कस्बे के पक्की सिंचाई विभाग के द्वारा बनी मोरिया नहरों को भी लुप्त कर दिया है। पर सच यह है बैगर प्रशासन की मिलीभगत के भू माफिया इस तरह जल भराव क्षेत्र जल निकासी मार्गो पर कब्जा नहीं कर सकते। कस्बे के अंदर स्टेट हाईवे 44 पर हो रहे निर्माण को लेकर आज बंद तो कर दिया है पर बंद के बावजूद भी निर्माण कार्य जारी है, फिर ऐसी क्या अधिकारियों के आदेश जिन की अवहेलना कर रहे हैं भू माफिया और अधिकारीयों को भी शिकायत पर शिकायत जारी है पर इन्होंने सीट छोड़कर कार्रवाई तक करने नहीं पहुंचे हैं। कस्बे के अंदर इन दिनों ट्रैक्टरों की आवा जाही चल रही है कि चक्कर के हिसाब से होड़ लगी है कि कौन कितने अधिक चक्कर काटेगा ऐसे में फुल रेस में कस्बे के बीच बीच धड़ल्ले से दिन और रात पुलिस थाने के आगे वन विभाग के आगे अपने ट्रैक्टरों को निकाल रहे हैं और प्रशासन बिल्कुल कुंभकरण की नींद ले रहा है। इन टैक्टरों को बनाया गया है कृषि कार्य के लिए पर कर रहे हैं व्यापार आखिर परमिशन किसकी। शिकायत पर शिकायत जारी है पर इन के कानों पर कोई जू नहीं रेगती है। भूमी के रूपांतरण किए बैगर ही भूमि पर के निर्माण कर रहे हैं, भराव कर रहे हैं, ऐसे में स्थानीय नायब तहसीलदार लक्ष्मणगढ़ यह कहता है कि मेरे पास 91 रिपोर्ट करने की आदेश नहीं है मैं कैसे इनके खिलाफ कार्रवाई करूं इनके पास जब रजिस्ट्री करने के आदेश है तो अवैध काम रुकवाने के आदेश इनके पास नहीं। पर सार्वजनिक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, ने तो कम से कम तहसील कार्यालय लक्ष्मणगढ़ में अपने आदेश की प्रति दे रखी है कि यह भूमी हमारी है इस पर निर्माण को रुकवाया जाए। फिर भी चुप्पी साधे बैठा है नायब तहसीलदार, लगता है इन भू माफियाओं के आगे अपने आप को बौना महसूस कर रहा है , नायब तहसीलदार स्थानीय प्रशासन। वाह रे प्रशासन तेरे भी खेल निराले पर अगर कस्बे के अंदर भू माफियाओं ने कहीं किसी प्रकार का कोई दंगा फसाद होता है और दंगे फसाद में किसी की अगर जान जाती है जिसका जिम्मेवार स्थानीय प्रशासन खुद होगा और वही इन अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगाया गया और अवैध खनन में चलने वाले ट्रैक्टरों के द्वारा अवैध खनन कर्ताओं के द्वारा किसी बच्चे की या किसी आवागमन करने वाले राहगीर की अगर कोई मौत होती है तो यहां का स्थानीय प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा क्योंकि जब शिकायत पर शिकायत जारी है तो कार्रवाई क्यों नहीं कैसा प्रशासन लेकर पटवारी से और मुख्यमंत्री तक शिकायत जारी कार्रवाई कुछ नहीं चुनावी समय में कांग्रेश पार्टी के द्वारा कहा था अब होगा न्याय पर यहां लक्ष्मणगढ़ में हो रहा है अन्याय