21 सितंबर तक सरकार ने दोनों पर्वतों को संरक्षित नही किया तो होगा निर्णायक आंदोलन और आमरण अनशन
25 सितंबर को बुलाया जाएगा संतों का अंतिम राष्ट्रीय अधिवेशन -राधा कांत शास्त्री
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) कनकाचल व आदिबद्री पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन के विरुद्ध जारी धरने के 236 वे दिन बुधवार को पसोपा में भूरा बाबा, नारायण बाबा ,मोनी बाबा ,विश्वनाथ व कृष्ण हरि क्रमिक अनशन पर बैठे। आदिबद्री धाम में बुधवार को साधुओं के कई अखाड़ों की टोलियों को आमंत्रित किया गया।जिनसे दोनों पर्वत पर हो रहे खनन के बारे में विस्तृत चर्चा की गई एवं आगे की रणनीति को लेकर योजना तैयार की गई ।
आदि बद्री धाम के महंत शिवराम दास ने कहा कि उपस्थित साधु समाज के बीच ब्रज के परम आराध्य पर्वत कनकाचल व आदिबद्री पर हो रहे विनाशकारी खनन को लेकर गंभीर चर्चा कर यह तय किया गया कि या तो 21 सितंबर तक राजस्थान सरकार निर्णायक बैठक बुलाकर कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कराने का मार्ग प्रशस्त करें अन्यथा इसके बाद समस्त साधु समाज विशाल आमरण अनशन आंदोलन की घोषणा कर देगा तथा इस बार यह आंदोलन किसी भी स्थिति में स्थगित नहीं किया जाएगा।
संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने उपस्थित साधु समाज को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार 21 सितंबर तक दोनों पर्वतों को संरक्षित घोषित नहीं करती है तो 25 सितंबर को साधु-संतों, कृष्ण भक्तों व ब्रजवासियों का अंतिम राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर विशाल आरक्षण आंदोलन की घोषणा की जाएगी। तथा सरकार की संवेदनहीनता व उदासीनता के खिलाफ ब्रजवासी, साधु संतों, कृष्ण भक्तों व आंदोलनकारियों का अंतिम व अनिश्चितकालीन विशाल आमरण अनशन आंदोलन प्रारंभ कर दिया जाएगा। जिसके लिए राजस्थान की सरकार ही संपूर्ण रूप से उत्तरदाई होगी । उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी वार्ता राजस्थान सरकार के शीर्ष नेताओं से जारी है। एवं उन्हें अभी भी राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर विश्वास है कि वह साधु-संतों एवं ब्रजवासियों की ब्रज के दोनों पर्वतों के सँरक्षण की मांग को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही पूर्ण करेंगे । कार्यक्रम के बाद सभी साधु संतों व ब्रजवासीयों का विशाल भंडारा आयोजित किया गया।