चैक अनादरण के मामले में तीन माह की कैद व 4.50 लाख प्रतिकर राशि से किया दंडित
बयाना (भरतपुर, राजस्थान/ राजीव झालानी)। यहां के अति.मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वेता शर्मा की अदालत ने चैक अनादरण के एक मामले की सुनवाई के पश्चात आरोपी पक्ष पर दोष सिद्ध होने के बाद उसे तीन माह के कारावास व 4 लाख 50 हजार रूप्ए की प्रतिकर राशि के दंड दंडित करने के आदेश पारित किए है। वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण मुद्गल ने बताया कि बयाना उपखंड के गांव नगला बारेठा निवासी हरभान पुत्र बुद्धाराम जाटव ने भूमिविकास बैंक की स्थानीय शाखा से टैम्पू खरीदने के लिए कुछ वर्षों पूर्व 1.10 लाख रूप्ए का लोन लिया था। बैंक के बार बार तगादे व अधिवक्ता अरूण मुद्गल के नोटिस के बाद आरोपी ग्रामीण की ओर से बैंक की किश्त जमा कराने बावत् 22 मार्च 2012 को तीन लाख 26 हजार 236 रूप्ए का एक चैक दिया था। जो र्प्याप्त राशि के अभाव में अनादरित हो गया था। अनादरित होने के बाद बैंक अधिवक्ता मुद्गल की ओर से पुनः नोटिस दिया गया। फिर भी उक्त लोन प्राप्तकर्ता ने अपने खाते में चैक क्लीयरैंस की राशि जमा नही कराई और जिसके पश्चात बैंक की ओर से न्यायालय में एनआई एक्ट 138 के तहत हरभान के विरूद्ध वाद दायर किया गया। जिसकी सुनवाई के पश्चात विद्वान न्यायिक मजिस्टैªट ने साक्ष्य सबूतों के आधार पर हरभान के दोषी मानते हुए तीन माह के कारावास व 4.50 लाख रूप्ए की प्रतिकर राशि से दंडित करने के आदेश पारित किए है।