सावन मे मेघों ने गाई मल्हार, जमकर बरसे इंद्रदेव, जोरदार बारिश से बाजार मे भरा पानी
बयाना,भरतपुर
बयाना 20 जुलाई। बयाना कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवार को हरियाली अमावस्या व सोमोती अमावस्या का पर्व श्रद्धा व उल्लास से मनाया। वहीं इस दिन पूरे इलाके में जोरदार बारिश हुई। जिससे चारों ओर बरसाती पानी ही पानी हो गया था।इस दिन दोपहर को करीब एक घंटे तक जमकर हुई बरसात से कस्बे के नाले व नालीयों सहित सडकों पर बरसात का पानी सैलाब की भांती उमड पडा था। खेत खलिहानों में भी बारिश का पानी लबालब भर गया। कस्बे के पश्चिम दिशा में स्थित अरावली पर्वत माला के प्राकृतिक सप्तकुंडों व झरनों में भी बरसाती पानी तेजी के साथ बह उठा था। जिससे इन सप्तकुंडों व झरनों की निराली छटा निखर उठी थी। झरनों मेें आया झागदार पानी ऐसा लग रहा था। मानों झरनों में दूध बह रहा हो। इसी प्रकार यहां के डांग क्षेत्र के बीहडों में गांव दर्रबराहना के पास स्थित प्राकृतिक विशाल झरनें व गांव गुर्धाडांग के पास स्थित प्रमुख प्राकृतिक व धार्मिक रमणीक स्थल ग्वालखो के झरने भी बरसाती पानी के साथ जोरदारी से बहे। जिससे इन झरनों का भी मनोरम दृश्य निखर उठा था। वहीं कस्बे के बाजारों व सब्जी मंडी में आए बरसाती पानी से काफी देर तक यातायात प्रभावित रहा। कस्बे के कमलहौज बांध से कचहरी रोड व ईदगाह और भगवती काॅलोनी व रीको क्षेत्र होते हुए बरसाती पानी के निकास के लिए गभीर नदी की ओर जाने वाले प्रमुख नाले की पालिका की ओर से ठेका हो जाने के बावजूद अभी तक साफ सफाई नही कराए जाने से इस नाले में होकर बरसाती पानी का निकास नही हो पा रहा है। नागरिकों की माने तो इस नाले की अगर शीघ्र ही साफ सफाई कराकर बरसाती पानी के निकास की व्यवस्था नही की गई तो कस्बे की कई बस्तीयों में बरसाती पानी के भराव आदि की समस्या बन सकती है। बुजुर्गों के अनुसार सावन के महीने में हरियाली अमावस्या व सोमोती अमावस्या का विशेष धार्मिक व आध्यात्मिक और प्राकृतिक महत्व है। इस दिन श्रद्धालू लोग हरिद्वार व सोरोजी गंगा स्नान और अन्य धार्मिक स्थलों की पूजा अर्चना व दर्शनों और पितरों की शांति के लिए जाते है। वहीं हरियाली अमावस्या के रूप में पूजा अर्चना करने के लिए महिलाऐं बाग बगीचों में जाकर पेड पोैधों की पूजा अर्चना, देखभाल और सामुहिक भजन गीत व सावन की मल्हारें गाते हुए पेडों पर झूले झूलती है। किन्तु इस बार राज्य से बाहर आवागमन को बाधित करने व धार्मिक स्थलों पर रोक लगने से श्रद्धालु लोग वहां पूजा अर्चना व अन्य अनुष्ठानों के लिए नही जा सके। वहीं कस्बे के तमाम बाग बगीचों व बगीचीयों के भूमाफियाओं की भेंट चढ जाने और उनमें आवासीय व व्यवसायिक परिसरों की इमारतें खडी हो जाने से अब महिलाओं के सामने ऐसे तीज त्यौहारों को पारंपरिक ढंग से मनाने की समस्या खडी हो गई है।
- संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट