तनाशाही व मनमानी के चलतें केन्द्र सरकार किसान मजदूरो को डरा धमका रही है- गोपी गुर्जर
बयाना/भरतपुर /राजीव झालानी
बयाना 01 जनवरी। किसान मजदूर संबर्धन संघर्ष समिति के नेताओ ने शुक्रबार को यहां के डाकबंगले पर मीडिया व किसानो से मुखातिव होते हुऐ केन्द्र सरकार के नये कृषि विधेयक की खामिया पर चर्चा की। इस अवसर पर संघर्ष समिति के संरक्षक व पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर व मोतीलाल खरैरा ने बताया कि आनन फानन में केन्द्र सरकार की ओर से बनाये गये नये कृषि कानूनो में भारी खामिया होने से किसानो मजदूरो व खेती का भविष्य अन्धकार में पड गया है। यह कानून पूजीपतियो व बडे उधोगपतियो के हितो को साधने और खेती व किसान मजदूरो को उनका गुलाम बनाने के लिऐ जबरन थोपा जा रहा है। जबकि देश में चारो ओर हर वर्ग की ओर से इस कानून का विरोध किया जा रहा है। किसान मजदूर व युवा वर्ग कडकडाती सर्दी मेें भी सडको पर पडाव डाले हुऐ है। फिर भी केन्द्र की मोदी सरकार उनकी सुनवाई करने के बजाय उन्हे डराने धमकाने व आंतकबादी बताने का काम कर रही है।
पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर ने देश की आर्थिक स्थिति समृध करने व हर हाथ को काम देने के लिऐ फिर से वनस्पति, जंगल, पशुपालन, कृषि व कुटीर उघोगो एवं लघुउधोगो को समृद्व कर उन्हे टैक्स मुक्त करने की आवश्यता है। इससे काले धन की कोई गुंजाईश भी नही रहेगी। इस अवसर पर संघर्ष समिति के संयोजक विजयसिहं चैधरी ने बताया कि किसानो व मजदूरो की आवाज बुलन्द करने और उनके हितो की रक्षा के लिऐ पूर्व विधायक गोपीचंद गुर्जर व मोतीलाल खरैरा के सरंक्षण में किसान मजदूर संवर्धन संघर्ष समिति का गठन कर गांव गांव में किसान मजदूरो को संगठित व जागरूक करने का काम शुरू किया गया है। जल्द ही गांव से लेकर प्रदेश स्तर तक इस समिति की कमेटियो का गठन किया जाऐगा। उन्होने नये कृषि विधेयको की खामियो व खेती व किसानो को होने वाले नुकसानो की जानकारी देते हुऐ इसे निरस्त किये जाने की मांग की। इस दौरान गुर्जर महासभा के कार्यकारी रामकिशोर व सदस्य रामखिलाडी गुर्जर आदि भी मौजूद रहे।