पिता के डर से 13 वर्ष घर से भागा मासूम बच्चा, अब लौट कर घर आया
बच्चे के लौट कर आने से परिजनो में खुशी का ठिकाना नही रहा
भीलवाड़ा (राजस्थान) 13 वर्ष पूर्व बबलू उर्फ गजेंद्र को फिल्में देखने का बड़ा शौक था, आये दिन फिल्में देखने से उसके परिजन बड़े परेशान रहते थे, एक दिन फ़िल्म देखकर घर लौटने में देरी हो गई ,जिस पर बबलू पिता के डर के मारे घर नही लौटा तथा अपने परिचित के यहां चला गया,घर वालो ने काफी तलाश की लेकिन कहि पता नही चला वही बबलू दूसरे दिन भी घर नही लौटकर कोटा की और निकल गया
मासूम बबलू को पिता की डांट फटकार का इतना डर बैठ गया की वह अब लौटकर घर नही जाएगा, वही विकट परिस्थितियों में रहकर एक होटल पर काम करने लग गया, इस दौरान किसी ने इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति को दी, जिस पर उत्कर्ष संस्थान
अपने साथ ले गई वही बबलू की परवरिश हुई, इस दौरान बबलू की फेसबुक पर अपने ही रिश्तेदार से फ्रेंड शिप हो गई, जिसने बबलू के गांव की तस्वीरे शेयर की ,,बबलू की मेमोरी इतनी तेज थी की उसने अपने गांव की तस्वीरे पहचान ली , जिस पर बबलू ने उस गांव का होना बताया, व परिवार की जानकारी ली, जब परिजन ने पारिवारिक जानकारी देते हुए बताया की उसके पिता की 2016 में मौत हो गई व उसकी बड़ी बहन की शादी हो गई, लेकिन बबलू ने पिता की मौत पर विश्वास नही किया, व घर बुलाने के लिए बहाना बना रहे होंगे, लेकिन जब बबलू को पिता के मौत की पुख्ता जानकारी मिली तो उससे रहा नही गया व वह कर्फ्यू व लोक डाउन जैसी विकट परिस्थितियों में भी तुरंत अपने गांव की ओर निकल गया व 19 जून को घर पहुंच गया। इस दौरान परिजनों ने थाने में जानकारी देकर अवगत कराया जिस पर जहाजपुर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल राधेश्याम साहू ने सी डब्लू सी के फारुख पठान के नेतृत्व में परिजनों के सुपुर्द किया
इस दौरान बबलू ने हमारे संवाददाता बृजेश शर्मा से बात करते हुए बताया की उसने संस्थान में रहकर बीए कर लिया व अभी एमए कर रहा है, एमए के साथ साथ जिस संस्थान में परवरिश हुई उसी संस्थान में जॉब भी कर रहा है, बबलू ने बताया की उसने प्रशासनिक सेवा में जाने के सपने संजो रखे हैं इसके लिए पूर्ण रूप से तैयारी कर रहा है।
- रिपोर्ट:- बृजेश शर्मा