गाय की सेवा करने मात्र से एक साथ हो जाती है 33 कोटि देवताओं की सेवा - चौबीसा
वल्लभनगर (उदयपुर, राजस्थान/मुकेश मेनारिया) निकटवर्ती श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ गौशाला बासड़ा में गौ नवरात्रि के द्वितीय पर गौशाला प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में प्रसंग वश प्रकट किया गया कि गाय ही एक ऐसा प्राणी है जीव है जिस की सेवा करने मात्र से व्यक्ति 33 कोटि देवताओं की पूजा का एक साथ लाभ प्राप्त कर सकता है। बैल को धर्म का स्वरूप मानते हुए राजा परीक्षित ने रक्षा का संकल्प लिया । प्रजापति ब्रह्मा ने जस्टिस रंजना को साकार रूप देने के लिए मनु और सतरूपा को प्रकट किया और उन्हें सृष्टि रचना का आदेश दिया। जगदीश सोनी के द्वारा गौमाता की पूजा कर लापसी का भोग लगाया गया।