मुख्यमंत्री जल संचय योजना में रोड़ा बने हैं भू माफिया व लक्ष्मणगढ़ प्रशासनिक अधिकारी
अलवर जिला कलेक्टर को भी लक्ष्मणगढ़ उपखंड अधिकारी ने किया गुमराह, भू माफियाओं की भूमि को बताया कन्वर्ट सुधा जल निकासी एवं जल भराव क्षेत्र पर अमीन शाह नाला प्रकरण पर भी गौर नहीं फरमाया लक्ष्मणगढ़ प्रशासन।
क्षेत्रीय विधायक जोहरी लाल मीणा के द्वारा घाट कैनाल से नहरो को पुनर्जीवित कर पानी लक्ष्मणगढ़ बांध में लाने की कवायद जारी करोड़ों का बजट भी लगा। भू माफिया बांध में पानी निकासी मार्ग वह भराव क्षेत्र में निर्माण कर रोड़ा बने हैं ।
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ गिर्राज प्रसाद सोलंकी) एक और संपूर्ण राजस्थान प्रदेश में जल का संकट मंडरा रहा है। जिसमें भी अगर बात करें अलवर जिले की एनसीआर में भी होते हुए वह तो बिल्कुल ही डार्क जोन में आ रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस जल संकट को लेकर बराबर चिंतित हैं और जल संग्रहण विकास एवं भूल संरक्षण की समीक्षात्मक बार-बार अधिकारियों के बीच बैठक करते हुए प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही महत्वकांक्षी राजीव गांधी जल संचय योजना में कार्य को प्राथमिकता से करने की बात कही जा रही है । जिसका मुख्य उद्देश भू-जल स्तर में वृद्धि जल संरक्षण के ढांचे तैयार करना है। जिसकी मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कई बार अकाल सूखे की स्थिति का सामना किया है व बताया कि खेत का पानी खेत में रहे वर्षा जल संग्रहण से भूमि उपजाऊ भू जल स्तर बढ़ेगा। इस योजना को और गति देने के लिए हमारे राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ क्षेत्रीय विधायक जौहरी लाल मीणा के द्वारा भी अथक प्रयास चल रहे हैं, जिनको भागीरथी के नाम से भी जनता पुकारने लगी पर क्या करें जब इन दिनों क्षेत्र के अंदर लक्ष्मणगढ़ कस्बे में बांध की भूमि पर ही भू माफियाओं ने कब्जा कर और एक व्यवसायिक दुकानों का निर्माण करते हुए बाजार बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। जिनकी शिकायत किसानों के द्वारा जिनके खेतों तक पानी नहीं पहुंचेगा उन्होंने शासन प्रशासन में दी है। और इन भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए क्षेत्रीय विधायक ने भी कितनी बार प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित फोन के माध्यम से व्यक्तिगत माध्यम से इनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही पर प्रशासन तो भू माफियाओं से मिला बैठा है कार्रवाई कहां उन्होंने तो जिला कलेक्टर को गुमराह करते हुए भूमि को कन्वर्ट बताया गया और दर्जन भर दुकानों का निर्माण करवा डाला ऐसे में हमारे मुख्यमंत्री की हमारे क्षेत्रीय विधायक की भी आत्मा रोती होगी जब इस तरह के भू माफियाओं के द्वारा पानी के संचय में रोड़ा बने हैं पानी जब नहीं आएगा तो किसान को फसल कैसे पैदा होगी हमारा भूजल स्तर में वृद्धि कैसे होगी
बांध के अंदर सिंचित भूमि पर जब इस तरह के निर्माण हो जाएंगे तो फसल कहां से पैदा होगी क्षेत्र कैसे खुशहाल होगा जय जवान जय किसान का नारा देने वाली सरकार की योजनाओं को गति कैसे मिल पाएगी ऐसे में लक्ष्मणगढ़ प्रशासन मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विधायक की योजनाओं की गति को अवरुद्ध करते हुए उन्हें ठेंगा दिखाया जा रहा है अब देखना यह है स्थानीय प्रशासन इसमें कब तक सहयोग दे पाएगा यह बने हुए निर्माणों को हटा पाता है या नहीं, निर्माण को लेकर के सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इन्हें निर्माण कार्य बंद करने करने के नोटिस भी दे चुके हैं। निर्माण कार्यों पर रेड निशान भी लगा चुके हैं और उन्हें व्यक्तिगत बताया गया कि यहां तक आप का निर्माण तोड़ा जाएगा। इसी प्रकार सिंचाई विभाग ने भी इन्हें तीन नोटिस देखकर चस्पा किया कि अपना निर्माण कार्य बंद कर दे यह जलभराव क्षेत्र की भूमि है पर इन भू माफियाओं ने विभाग के आदेशों की अवहेलना करते हुए अपना निर्माण कार्य जारी रखा और सिंचाई विभाग ने पुलिस के द्वारा इन भू माफियाओं को पाबंद भी किया हुआ है। इनके नोटिस आने पर पता लगा है की भू माफिया भी पढ़े-लिखे बने हुए हैं जिनमें नोटिस से पता चला है आनंद पाराशर पुत्र शिम्भू दयाल पाराशर पत्रकार भास्कर, रेवती रमण शर्मा उर्फ भोलू पंडित पुत्र राम अवतार शर्मा, जितेंद्र जैमन पुत्र गजानंद जैमन निवासी मौजपुर पंचायत समिति लक्ष्मणगढ़ में कार्यरत कर्मचारी, रमेश चंद मीणा, श्याम लाल सैनी, सहित एडवोकेट गोविंद खंडेलवाल को भी दोनों विभागों ने नोटिस दिए हैं। इधर किसान का यह कहना है कि भूमी कन्वर्ट सुधार नहीं है 3 बीघा 12 बिस्वा जमीन है जिसमें से मात्र 1000 वर्ग गज भूमि कन्वर्ट है उसे यह लोग कहां दिखाएंगे वह भी 30 वर्ष पुरानी कन्वर्ट बतलाई जा रही है उपखंड अधिकारी के द्वारा 30 वर्ष पूर्व की भूमि कन्वर्ट है तो वह तो माननीय भी नहीं होगी ऐसे में सिंचाई विभाग सार्वजनिक निर्माण विभाग दोनों को भूमाफिया ने ठेंगा दिखाते हुए अपना पक्का व्यवसायिक दुकानों का निर्माण कर डाला प्रशासन ने भी क्षेत्रीय विधायक के आदेश की अवहेलना करते हुए इनका निर्माण होने दिया। यहां के प्रशासन को किसान के द्वारा बराबर दो माह से शिकायत पर शिकायत दे रहे हैं ,पर कोई कार्यवाही नहीं और ना ही स्थानीय प्रशासन लक्ष्मणगढ़ ने अमीनशाह नाला प्रकरण जैसे बिंदु पर भी विचार नहीं किया इन भू माफियाओं के पास जमीन संबंधी कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं ना भूमी कन्वर्ट है पीछे से देखें तो किसान की भूमि को ही काबीज करते हुए निर्माण किया है। अब देखना है सरकार की महत्वकांक्षी योजना राजीव गांधी जल संचय योजना को यह प्रशासनिक अधिकारी भूमाफिया को हटाते हुए योजना को गति दे पाते हैं या नहीं