उड़ता पंजाब होने से बचा मेहरु गांव
अजमेर (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) मेहरु गांव के लिए नशा एक बड़ी समस्या रहा है। क्या गांव, क्या शहर युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में जकड़ती जा रही थी, लेकिन इस गांव के युवाओं ने अपनी इच्छाशक्ति से नशे के दानव को टक्कर देने की ठानी और आखिरकार गांव को नशामुक्त बनाने में हद तक सफल हो रहे। हौसले और एकजुटता की यह मिसाल है अजमेर जिले के सावर पंचायत समिति के मेहरू कलां गांव की जहां युवाओं की टोली व पंचायत प्रशासन ने करिश्मा कर दिखाया है। ये युवा व ग्राम पंचायत अब पूरी पंचायत समिति को नशेे के दानव को पराजित करने की राह दिखा रहे हैं।
पुलिस का भी गांव में होता ही नही था रुख:- एक समय था जब लगभग 10 हजार की आबादी वाले इस गांव में पुलिस की टीमें भूले भटके इस गांव की और रुख किया करती थी, आज वही पुलिस युवाओं के जोश और जज्बे को देखते हुए नशा मुक्त बनाने के लिए आये दिन नशे की जानकारी लेती है, इससे नशेड़ियों में दहशत बनी हुई है। नशा खोरों को पकडऩे के लिए बड़ी संख्या में युवा व बुजुर्ग नशे की चपेट आ चुके थे। आए दिन चिट्टा (सिंथेटिक गांजा , अफीम, और अन्य तरह की नशीले पदार्थो का सेवन किया जाता था, नशे के कारण होने वाली आपराधिक गतिविधियों व चोरियों के कारण गांव दूर-दूर तक बदनाम हो चुका था।
एक माह में बदली गांव की तस्वीर:- गांव के कुछ पढ़े-लिखे युवकों को यह बात बहुत चुभती थी। उन्होंने इस दाग को मिटाने का संकल्प लिया और एक माह में गांव की तस्वीर बदल कर रख दी। युवाओं ने अपने दृढ़ निश्चय से ऐसी इबारत लिखी जिसके चर्चे अब पूरे क्षेत्र में हैं। गांव पूरी तरह नशामुक्त हो,यह प्रयास जारी रहेंगे
नशा रोको व निगरानी कमेटी का गठन:- गांव के युवा व जागरूक ग्रामीणो ने एक निगरानी कमेटी का गठन किया हुआ है जो मेहरु गांव को नशामुक्त बनाकर एक नई इबारत लिख युवाओं को नई राह दिखायेगा।