सरकारी खरीद के इंतजार में औने-पौने दाम पर बिक रही सरसों
प्रदेश सरकार ने गेहूं,सरसो व चना खरीदने का ऐलान किया है। लॉक डाउन के बीच बार-बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों को भरोसा दिला रहे है कि उनका एक-एक दाना सरकार खरीदेगी, लेकिन मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की बातों पर किसान भरोसा नहीं कर पा रहे है।
अलवर
अलवर। हर साल एक अप्रैल से राजस्थान में खरीद केंद्रों पर सरसों और गेहूं की खरीद शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार देश में लॉक डाउन घोषित होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। प्रदेश सरकार ने गेहूं,सरसो व चना खरीदने का ऐलान किया है। लॉक डाउन के बीच बार-बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों को भरोसा दिला रहे है कि उनका एक-एक दाना सरकार खरीदेगी, लेकिन मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की बातों पर किसान भरोसा नहीं कर पा रहे है। सरकार द्वारा रबी की फसल की खरीद शुरू नही होने से किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी।अनाज मंडी में सरसों आनी शुरू हो गई है। सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण किसान औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर है। हालांकि सरकार ने सरसों का मूल्य 4425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले वर्ष से 225 रुपये ज्यादा है। गत वर्ष सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 4200 रुपये तय करते हुए 100 रुपये बोनस दिया था। ऐसे में किसान को प्रति क्विंटल करीब 800 रुपये नुकसान झेलना पड़ रहा है। हालांकि राजफैड 1 मई खरीद शुरू कर रहा है। अलवर सहित जिले में गेहूं व सरसो के 21 खरीद केंद्र बनाये गए है। समर्थन मूल्य तो गेंहू 1945 व सरसो 4425 रुपए प्रति क्विंटल तय हुआ लेकिन किसानों का गेहूं व सरसों खरीदी ही शुरू नहीं हो पाई। जिसके चलते किसान को मजबूरी में औने-पौने दामों में उत्पाद बेचना पड़ा। एक मोटे अनुमान के अनुसार किसानों को प्रति क्विंटल 400 से 800 रुपए का नुकसान हो रहा है। केंद्र प्रभारियों का कहना है कि जिनका रजिस्ट्रेशन पहले हो चुका है उनकी खरीदे पहले की जाएगी।
किसानों को नुकसान
जिले की कृषि उपज मंडियों में सरसों 3700 रुपए से 4925 रुपए प्रति क्विंटल जबकि गेहूं 1790 से 1810 रुपए प्रति क्विंटल तक बिका। यदि किसानों को समर्थन मूल्य का भाव मिलता है तो उनको कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होगा। गेहूं का समर्थन मूल्य 1945 रुपए और सरसों का समर्थन मूल्य 4425 रुपए रखा गया है।
ये होना जरूरी : आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड/जनआधार, पी-35, गिरदावरी, बैंक की पास बुक
इनका कहना :
मंडी की एक फड़ पर एक साथ तीन किसानों की सरसों खरीदी जा रही है मंडी में प्रवेश से पूर्व किसानों को सेनिटाइजर भी किया जा रहा है। हालांकि दाम कम है लेकिन किसान यहां से संतुष्ट होकर जा रहा है क्योंकि सरकार कब खरीद शुरू करें इसका अभी कोई अंदाज नहीं है।
सतीश चंद घीया, अध्यक्ष व्यापार मंडल लक्ष्मणगढ़
जब फसल ही नहीं बिकेगी तो फायदा किस बात का। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जटिल है। इसलिए किसानों ने दूरी बना रखी है। कभी सर्वर डाउन रहता है तो कभी जानकारी अपडेट नहीं होती है।
गुलाब सिंह किसान गोठड़ी पुरोताहीन लक्ष्मण गढ़
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने से महरूम रह सकते है और औने-पौने दाम पर आढ़तियों को बेचना पड़ेगा। क्योंकि अभी तो पी 35 भी नहीं मिल रहे हैं।
बालू सिंह, किसान गोविन्दगढ़
सरकार के द्वारा 1 मई से किसानों की सीधी खरीदें की जाएगी जिसके लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होगा और पी 35 की अनिवार्यता होगी उसके बाद खरीदारी शुरू होगी
जितेंद्र शर्मा क्रय विक्रय सहकारी समिति गोविंदगढ़
कृष्णा सोलंकी की रिपोर्ट