ओम वाहेगुरू स्मरण ब्रह्मालीन विरक्त शिरोमणि श्री 108 स्वामी मेहर सिंह जी महाराज तपस्थली पर नतमस्तक होकर सुख शांति के लिए की अरदास
गजसिहपुर (बीकानेर,राजस्थान/सूरज गुगलानी) ओम वाहेगुरू स्मरण ब्रह्मालीन विरक्त शिरोमणि श्री 108 स्वामी मेहर सिंह जी महाराज तपस्थली कुटिया मे रविवार को भण्डारा बडी धूमधाम से मनाया गया।कुटिया के सेवादार हरनाम दास कोचर ने बताया कि सोशल डिस्ट्रेसिंग की पालना करते हुए रविवार को कुटिया मे गुरु ग्रंथ साहिब ,सुखमनी साहब का पाठ करवाया गया सुबह ही कस्बे व आसपास के गावो से लोग कुटिया मे पुहचे व गुरूग्रंथ साहब के आगे नतमस्तक होकर अपनो के लिए सुख शांति के लिए अरदास की कुटिया के इतिहास के बारे मे बताया की कुटिया मे 1952 मे स्वामी मेहर सिंह जी महाराज यहां आये। स्वामी मेहर सिंह जी संतो को शिक्षा देते थे।आज भी इस कुटिया मे पांच संत विराजमान है।
इस कुटिया में रुपए के नाम पर चंदा बिल्कुल भी नहीं लिया जाता यदि कोई चंदा दे देता है तो हमारी एक छोटी कमेटी बनी हुई है जो इसका संचालन करती है कुटिया के संत भगवान दास ने बताया कि यह जो भी संत आते हैं उनको पैसे का मोह माया बिल्कुल नहीं होता संत दो तरह के होते हैं एक महंत और दूसरे व्रत जो महंत संत होते हैं वह आश्रम चलाते हैं और जो व्रत संत होते हैं वह भ्रमण करते हैं यह व्रत संतो की कुटिया है।यहा पर कमेटी बनी है जो संगत चलाती है। स्वामी मेहर सिंह जी महाराज 6 वी पातशाही गद्दी से है। हर वर्ष इस कुटिया में बड़ी धूमधाम से भंडारा मनाया जाता है।कुटिया मे गुरु का लंगर अटूट बताया गया इस लंगर की सेवा में कृपाल सिंह डंग भीम सिंह मित्तल संतोक सिंह डंग राम बजाज पुरुषोत्तम लाल वह हरनाम दास कोचर का विशेष सहयोग रहा