धरने के 55 वे दिन धरनार्थियों ने आदिबद्री धाम पर पूजा अर्चना कर महापड़ाव के लिए प्रचार किया शंखनाद
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) धरने के 55वे दिन गुरुवार को ड़ीग गांव पसोपा में ब्रज पर्वत एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आदि बद्री धाम पर विशेष पूजा अर्चना कर 10 अप्रैल के बाद होने वाले महापड़ाव के प्रचार अभियान का शंखनाद किया । आदि बद्री धाम के महंत शिवराम दास ने कहा कि सरकार से आशा है कि वह 10 अप्रैल तक हमारे परम धार्मिक पर्वत कनकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर देगी। परन्तु अगर सरकार यह कार्य करने में ओर देरी करती है तो उस स्थिति में हम 15 अप्रैल को भरतपुर जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन महापड़ाव डालेंगे । उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भारतवर्ष के अनेक धर्माचार्ययों, संगठन प्रमुखों एवं यूनियनों से बातचीत लगातार चल रही है । मान मंदिर के अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने कहा कि आज सभी धरनार्थियों ने आदिबद्री धाम मंदिर पर ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए विशेष पूजा अर्चना कर महापड़ाव के प्रचार अभियान का शंखनाद किया है । उन्होंने बताया कि आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को देखने के लिए विश्व भर से लाखों लोग आते हैं, अगर सरकार यहां सृजनात्मक दृष्टि से धार्मिक पर्यटन अथवा पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे खनन मुक्त कर इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन सुबिधाओं का विकास करें तो उससे सरकार को न केवल अत्यधिक राजस्व का लाभ होगा बल्कि अवैध खनन के चलते जो भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है वह भी बंद हो जाएगा । इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगो को रोजगार उपलब्ध होगा व साथ-साथ पर्यावरण एवं ब्रज के प्राकृतिक संपदा की रक्षा होगी और सबसे महत्वपूर्ण यहां का जनमानस अत्यंत खुशहाल हो जाएगा। उन्होंने बताया 10 अप्रैल के बाद की रणनीति को लेकर देशभर में फैले और विश्व में स्थित हमारे सभी कृष्ण भक्तों से संपर्क करना प्रारंभ कर दिया है ।और शीघ्र ही एक बड़ी संख्या में लोगो का 10 अप्रैल के बाद यहां पहुंचना प्रारंभ हो जाएगा । गुरुवार की बिशेष पूजा में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के कई भक्त शामिल हुए ।
वृन्दावन कुम्भ में हुई आगामी रणनीति व महापड़ाव को लेकर संतो की विशेष सभा
वृन्दावन में भी महापड़ाव की तिथि तय होते ही बैठकों का दौर प्रारम्भ हो गया। इसी सिलसिले में वृन्दावन कुम्भ में ब्राह्मण सेवा संघ के सभागार में ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए विस्तृत चर्चा की गई व आगामी आदोंलन की रणनीति एवं महापड़ाव को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए । सभा को संबोधित करते हुए विख्यात कथा प्रवक्ता रामजीलाल शाष्त्री ने कहा कि किसी भी सरकार की सक्रियता का पैमाना होता है उसकी संवेदनशीलता । आज साधु संतों के धरने को 55 दिन व्यतित हो गए और मुख्यमंत्री के अधिकारियों से चर्चा हुई 7 दिन से ऊपर हो गए लेकिन सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नही लिया है । जगाने का काम साधु संतों का है इसलिए 10 अप्रेल से पूर्व सरकार ब्रज के पर्वतो को खनन मुक्त करने का निर्णय ले अन्यथा साधु संतों का महापड़ाव व अनशन सरकार के लिए किसी भी स्थिति में हितकर नही होगा । पुष्टमार्गीय आचार्य पंकज बाबा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में महापड़ाव के प्रचार की रूपरेखा भी तैयार की गई है जिसमें हर प्रकार के माध्यम से लोगों से सम्पर्क कर सूचित करने की रणनीति को भी निश्चित किया गया । राधाकांत शाष्त्री ने महापड़ाव के विषय में अंत्यन्त महत्वपूर्ण बिंदुओं को सभा के समक्ष रखा । उक्त बैठक को प्रख्यात वक्ता संजीव कृष्ण, महामंडलेश्वर नावलगिरी, कार्ष्णि नागेंद्र महाराज, कथा प्रवक्ता अभिषेक कृष्ण, प्रख्यात पर्यावरणविद व कृष्णजनमभूमि संस्थान के संयोजक गोपेश्वर चतुर्वेदी आदि ने अपने विचार रखे ।