बस से दो दिन में मात्र 70 यात्रियों ने किया बयाना से जयपुर का सफर
बयाना में अभी एक ही रोडवेज बस चली ,इस बस से दो दिन में मात्र 70 यात्रियों ने किया बयाना से जयपुर का सफर,,,,,कोरोना संकट से हुआ जनजीवन ठप्प
बयाना भरतपुर
बयाना 4 जून । लॉक डाउन व देशबन्दी के चलते करीब ढाई महीने बाद शुरू हुई रोडवेज बस सेवा के बाद बयाना में अभी तक रोडवेज निगम की ओर से मात्र एक ही बस शुरू की जा सकी है।यह बस भी दिनभर में बयाना , जयपुर के बीच केवल एक ही चक्कर लगाती है। 3 जून बुधवार को शुरू हुई इस बस से दो दिनों में मात्र 70 यात्री ही यात्रा कर सके हैं।बयाना रोडवेज बस स्टैंड प्रभारी सुभाषचंद्र शर्मा ने बताया कि बुधवार को पहले दिन इस बस से यहाँ23 यात्री आए व यहाँ से जयपुर 13 यात्री गए थे।जबकि गुरुवार को दूसरे दिन जयपुर से यहाँ मात्र 7 व बयाना से जयपुर 17 यात्रियों ने यात्रा की।जयपुर के वैशालीनगर डिपो की यह बस रोजाना सुबह 8,15बजे जयपुर से चलकर दोपहर12,15 बजे बयाना पहुचती है व बयाना से दोपहर 2,15 बजे वापस जयपुर को रवाना होती है।इधर यहाँ अभी तक बयाना से भरतपुर, अलवर, हिंडौन,करौली, रूपवास, धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी,तालचिड़ि व वैर, भुसावर आदि मार्गों पर अभी तक कोई भी बस सेवा चालू नहीं किए जाने से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।बस स्टैंड पर चाय पान आदि का धंधा कर अपने परिवार का पालनपोषण करने वाले लोगों के भी बेरोजगार हो जाने से अब उनके सामने भी आर्थिक परेशानियों सहित अन्य समस्याएं पैदा हो जाने से वह व उनके परिवार काफी परेशान हैं।बस स्टैंड प्रभारी सुभाष चन्द्र शर्मा ने बताया कि रोडवेज बस से जाने आने वाले प्रत्येक यात्री का डेटा रिकॉर्ड संधारित करने व उनकी स्क्रीनिंग एव सेनेटाइजिंग करने के साथ ही बसों की भी नियमित सेनेटाइजिंग कराई जाती है।इधर कई यात्रियों ने नाराजगी व दुखभरे लहजे में बताया कि अगर केंद्र सरकार ने विदेशों से आई इस बीमारी को लेकर शुरुआत में ही सजकता बरतते हुए इसे रोकने के आवश्यक उपाय किए होते तो आज देश में ऐसे हालात नहीं हुए होते।उनका कहना था कि पहले नोट बंदी ने अब देशबन्दी ने आमआदमी व किसान मजदूर वर्ग सहित माध्यम वर्ग की भी कमर तोड़कर रख दी है।अर्थ व्यवस्था बुरी तरह चौपट हो गई है।अब सरकार को परेशान नागरिकों की सहायता के लिए पर्याप्त उपाय व सभी टैक्स कुछ समय के लिए माफ,तथा सभी तरह के कर्जो की 6 , 6 महीनों की किश्तें व एक एक साल के ब्याज माफ करने की आवश्यकता है तब जाकर पीड़ित लोगों को कुछ राहत मिल सकेगी।
बयाना संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट