कबाड़ख़ाने मे तब्दील ओपन जिम, दे रही हादसो को आमंत्रण
भीलवाड़ा (राजस्थान/राजकुमार गोयल) भीलवाड़ा में आमजन को व्यायाम की सुविधा देने के लिए सार्वजनिक उद्यानों मे ओपन जिम लगवाकर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की नगर विकास न्यास की पहल अब मात्र एक दिखावा बनकर रह गई है।
देखरेख के अभाव मे व्यायाम के लिए लगाई गई अधिकाॅश मशीने कही टूटी फूटी अवस्था मे पडी है तो कहीं कबाड मे तब्दील होकर क्षत विक्षत अवस्था मे कबाडखानो की शोभा बढा रही है
ओपन जिम की शुरूआत आज से लगभग 4 वर्ष पूर्व नगर विकास न्यास द्वारा शहर के शिवाजी पार्क, नेहरू उद्यान, स्मृति वन सहित अनेक सार्वजनिक उद्यानों मे जयपुर की एक फर्म इंडो एजेंसी ओपन जिम के साथ एक संविदा के तहत लगवाई गई थी किंतु संबंधित एजेंसी एवं न्यास के आपसी सामंजस्य तथा देखरेख के अभाव मे आज अधिकाॅश मशीने उपयोग के लायक ही नही रही है और इन टूटी फूटी मशीनों के कारण पार्क मे आने जाने वाले बच्चों और आमजन के दुर्घटना ग्रस्त होने का खतरा बना रहता है ।
आमजन की मेहनत और गाढ़ी कमाई के लाखो रुपयों से बनी इन जिम की अधिकांश मशीने शहर मे कई बार हादसो का कारण बनने का साथ साथ इन सार्वजनिक उद्यानों की सुंदरता को भी बाधित कर रही है।
लाखो रूपयो की लागत से बनी जिम की इन मशीनो को कबाड़ के रूप मे तब्दील होता देखकर शहर के जागरूक नागरिकों एवं स्थानीय निवासियों द्वारा न्यास के उच्चाधिकारियों को कई बार शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी सिवाय मायूसी और समय की बर्बादी के अलावा कुछ भी हासिल नही होता है और आमजन के मन मे बार बार एक ही सवाल उठता है कि इन सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही और अनदेखी से होने वाले लाखो के नुकसान का खामियाजा आमजन को आखिर कब तक भुगतना पडेगा और क्यो ?
और क्यो ना आमजनता के हितों के नुकसान की इस भरपाई को इन लापरवाह सरकारी कर्मचारियों की मोटी तनख्वाह मे से कटौती करके पूरा कर लिया जाए ?
सार्वजनिक स्थलो पर आमजन को दी जा रही इन दिखावटी सुविधाओ का आखिर औचित्य क्या है ?