ओपन वॉलीबॉल प्रतियोगिता का समापन
कविता पुरुष वर्ग में तो नपानिया महिला वर्ग में बना सिरमौर
उदयपुर (राजस्थान/ मुकेश मेनारिया) भीण्डर के मातेश्वरी स्पोर्ट्स अकादमी के तत्वाधान में आयोजित हो रही संभाग स्तरीय ओपन वॉलीबॉल पुरुष एवम महिला प्रतियोगिता का समापन देर रात 2 जनवरी को हुआ। उक्त प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में 60 टीम एवम महिला वर्ग में 12 टीमो ने भाग लिया।
वहीं महिला वर्ग में विके क्लब खेरोदा और नपानिया के बीच हुआ जिसमें नपानिया विजेता रही और विके क्लब रनर अप रही। समापन समारोह की अध्यक्षता जिला वॉलीबॉल संघ अध्यक्ष देवनारायण धाबाई, मुख्य अतिथि मांगी लाल साहू एवम विशिष्ट अतिथि उदयपुर जिले के प्रथम वॉलीबॉल गोल्ड मेडलिस्ट कान जी धाबाई थे। प्रतियोगिता को सफल बनाने हेतु जिला वॉलीबॉल सचिव हेमराज सोनवाल का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
प्रतियोगिता के दूसरे दिन क्वाटर फाइनल, सेमीफाइनल एवम फाइनल मुकाबले हुए। पहले सेमीफाइनल में स्टेशन पांडोली ने मातेश्वरी स्पोर्ट्स अकादमी एवम कविता ने बाठेड़ा को परास्त कर फाइनल में प्रवेश किया।
फाइनल में कविता ने एक तरफा मुक़ाबले में स्टेशन पांडोली को हरा खिताब पर कब्जा जमाया। फाइनल मुकाबले से पूर्व हाल ही में जूनियर नेशनल ब्रोंज मैडल विजेता खिलाड़ी सना पानेरी उदयपुर एवम रोशन दया वल्लभनगर भी पधारे। प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मातेश्वरी स्पोर्ट्स अकादमी के यशवंत पुजारी एवम न्यू उभरता सितारे का खिताब बद्री जणवा को दिया॥ सना ने सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुवे कहा कि आप नियमित अभ्यास एवम सही मार्गदेशक होंतो सफलता निश्चित है। उन्हीने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता एवम जिला वॉलीबॉल संघ सचिव हेमराज सोनवाल को दिया। हेमराज सोनवाल पिछले 2 साल से उन्हें नियमित प्रशिक्षण दे रहे थे।
प्रतियोगिता को सफल बनाने में भामाशाह सुखलाल मांगीलाल साहू द्वारा 21 हजार, अकादमी संरक्षक कुबेर सिंह द्वारा 10 हजार, राजेश आमेटा द्वारा 11000, राजु केरोत द्वारा 10000, प्रह्लाद सामरिया द्वारा 7100 पंकज गंगावत द्वारा 5100 सहयोग राशि प्रदान की गईं। विजेता टीम को 11 हजार नगद एवम ट्रॉफी उपविजेता टीम को 7000 नगद एवम ट्रॉफी एवम प्रत्येक खिलाड़ी को मोमेंटो प्रदान किये गए। अतिथि ने सफल आयोजन की शुभकामनाएं प्रदान की। मंडल द्वारा खिलाड़ियों के लिये सम्पूर्ण खाने नास्ते एंव आवास की व्यवस्था आयोजन मंडल द्वारा कि गई थी। निर्णायक हरि राम माली, मनोहर सेन, गोविंद मेहता एवम लीला शंकर को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया।