बहरोड़ स्थित पार्क कैलाश अस्पताल ने की मानवता शर्मशार, अस्पताल प्रबन्धन ने बिना कफन धूप में पटका शव
अस्पताल प्रबन्धन और बाउंसरों ने की परीजनों व पत्रकारों से बदतमीजी - अभद्रता, कैमरा छीनने का किया प्रयास
बहरोड़ (अलवर,राजस्थान/ योगेश शर्मा) कस्बे में स्थित पार्क हॉस्पिटल में शनिवार को इंसानियत तार तार होती हुई नजर आई। हुआ यूं कि शेरपुर निवासी जयचन्द प्रजापत को तीन दिन पहले हल्का पेट दर्द हुआ था। जिसे कस्बे के पार्क अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। मरीज की हालत गम्भीर होने पर भी दो दिन तक उसे जरनल वार्ड में ही रखा गया। हालात में सुधार नहीं होने पर परीजनों ने मरीज को छुट्टी देने की बात कही तो अस्पताल प्रबन्धन ने 10 हजार रूपये और जमा कराने की बात कही। प्रबंधन के कहने पर मरीज के परीजनों ने दस हजार रूपये और जमा करा दिये तो कहा कि दो बज चुके हैं, आज का टाईम हो लिया, कल 12 बजे डिस्चार्ज किया जायेगा। दूसरे दिन 12 बजे छुट्टी मांगी तो ये कह कर टाल दिया कि आईसीयू में है छुट्टी नहीं दे सकते और शनिवार सुबह जयचन्द की मौत हो गई। मौत होने के बाद भी शव मांगा गया तो अस्पताल प्रबन्धन द्वारा दस हजार रूपये की और मांग कर दी गई। गरीबी हालत होने के चलते पैस नहीं देने पर मानवता को तार-तार करते हुए अस्पताल प्रबन्धन ने शव को खुले स्थान पर धूप में पटक दिया और परीजनों से अभद्रता की गई। शव के ऊपर छत और ना ही कफन ऐसे में भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की इंसानियत को शर्मशार कर दिया।
सूचना पाकर गांव से सैकड़ों लोग और जनप्रतिनिधि अस्पताल में पहूॅच गये और अस्पताल प्रबंधन से शव को खुले में बगैर कफन ढके पटकने के बारे में जवाब मांगने का प्रयास किया तो अस्पताल प्रबंधन की गुंडागर्दी भी सामने आ गई।
अस्पताल प्रबन्धन और बाउंसरों ने की परीजनों से बदतमीजी
अस्पताल में मौजूद बाउंसरो ने परिजनों के साथ धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया। मामला बढता देख अस्पताल के कर्मचारी ने मृतक के परीजन से फाईल छीनली और कहा कि हंगामा मत करो। आपका जमा किया हुआ सारा पैसा वापिस कर दिया जायेगा।
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सूचना पर मौके पर पहूॅचे पत्रकारों से भी की अभद्रता, कैमरा छीनने का किया प्रयास
जब परिजन ने पत्रकारों को सूचना दी तो पत्रकार भी मौके पर पहुंचे पार्क कैलाश अस्पताल की इंसानियत को शर्मशार करने वाली हकीकत की कवरेज करने का प्रयास किया तो अस्पताल प्रबंधन ने बाउंसरों के साथ मीडिया कर्मियों के साथ भी बदतमीजी की और वीडियो नहीं बनाने की धमकी दी। एकता दिखाते हुए पत्रकार संघ पहूॅचा बहरोड़ अस्पताल
बहरोड़ पार्क कैलाश अस्पताल प्रबन्धन ने की मिडिया कर्मी से बदसलूकी कैमरा छीनने का किया प्रयास। बहरोड़ पत्रकार संघ ने एकता दिखाते हुए पार्क अस्पताल परीसर में पहूॅचकर शान्तिपूर्वक तरीके से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और बहरोड़ थाना अधिकारी को पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। आपको बता दें कि शनिवार को पार्क कैलाश अस्पताल परीसर में इंसानियत को तार-तार कर रही एक हकीकत को कवरजे करने गये मीडिया कर्मी के साथ एक चिकित्सक और बाउंसर ने अभद्रता की तथा कैमरा छीनने का प्रयास किया। मीडिया कर्मी की सूचना पर बहरोड़ पत्रकार संघ मौके पर पहूॅचा और नारेबाजी कर थाना अधिकारी विनोद सांखला को ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों से अभद्र व्यवहार करने वाले लोगों पर उचित कार्यवाही करने की मांग की। थाना अधिकारी विनोद सांखला ने अस्पताल प्रबंधन को फटकार सूचना मिलने पर थाना अधिकारी विनोद सांखला पुलिस जाब्ते के साथ हॉस्पिटल पहुंचे और शव को बाहर खुले में पड़ा देखकर अस्पताल प्रबंधन एवं कर्मचारियों को डांट फटकार लगाई।
वहीं अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के परिजनों का दर्द भी झलका जब उन्होंने देखा कि सभी पत्रकार जनता के साथ हैं तो उन्होंने दर्द बयां करते हुए कहा कि हमारे मरीज के साथ हमें पता ही नहीं क्या कर रहे हैं डेढ़ लाख रुपए जमा कराने के बावजूद भी एक लाख रुपए और मांग रहे हैं और जब हम अस्पताल से छुट्टी लेने की बात करते हैं तो अभी आईसीयू में मरीज को भेज देते हैं और कभी यह बहाना लगा देते हैं कि हालत नाजुक है कहने का मतलब साफ है कि जब तक मरीज में जान है तब तक अस्पताल में गरीब मजदूर की कमाई चूसने को मिल रहा है वही मौके पर ग्रामीणों ने मांग की है की अस्पताल में मौजूद गुंडई बाउंसर हटाए जाए साथ ही अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों की बदसलूकी अब ग्रामीण कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। अस्पताल प्रशासन की ओर से ये कहना कि आपका पूरा पैसा वापस कर देंगे लेकिन आप शोर मत मचाओ इसका मतलब साफ जाहिर है की बड़ी गलती के कारण अस्पताल के नुमाइंदे झुकने को तैयार हैं अन्यथा बाउंसरों की की मौजूदगी में हॉस्पिटल का प्रशासन क्यों झुकता। थाना अधिकारी ने भी भरोसा दिलाया है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। वही बहरोड़ तहसील दार विक्रम सिंह, थाना अधिकारी विनोद सांखला व डा. आदर्श अग्रवाल सहित ग्रामीणों की संमझाईस के बाद जमा की गई सम्पूर्ण राशि वापिस लौटा दी गई और शव का पोस्टमार्टम कर परीजनों को सौप दिया।