सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही परिवार समाज और विश्व मे शांति संभव - आचार्य विज्ञान भूषण
डीग/भरतपुर/पदम जैन
ड़ीग -9 जनवरी ड़ीग यँहा जैन धर्म के आठवे तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु और 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जन्म और तप कल्याण महोत्सव पुराने डीग स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य विज्ञान भूषण मुनिराज के सानिध्य में श्रद्धा पूर्वक और उत्साह से समारोह पूर्वक मनाया गया।
प्रातः मंदिर में कलशाभिषेक कर मुनिराज द्वारा संपूर्ण विश्व में सुख एवं शांति की कामना के साथ शांति धारा की गई एवं सामूहिक पूजा कर विशेष अर्घ अर्पित किए गए।
तदोपरांत प्रवचन करते हुए आचार्य विज्ञान भूषण मुनिराज ने बताया की जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों के पांच - पांच कल्याणक हुए थे जिनमें गर्भ जन्म तप ज्ञान मौक्ष हैं। भगवान जीवो का कल्याण करने के लिए धरा पर अवतरित होते हैं। तथा कठोर तप कर केवल ज्ञान प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को सदैव सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए। एवं सभी जीवो के साथ प्रेम और करुणा का भाव रखना चाहिए। तभी परिवार समाज देश और विश्व में शांति संभव है। इस मौके पर जैन समाज के अध्यक्ष गोपाल जैन सुरेश जैन धर्मेंद्र जैन वीरेंद्र जैन संजय जैन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।