कलक्टर पहाड़िया से धरी रह गई रिश्तेदारी और कट गया चालान
कलक्टर ने कहा पहले गाइडलाइन जरूरी फिर रिश्तेदारी
अलवर (राजस्थान) दरअसल एक व्यक्ति अलवर पहुंचता है लेकिन पुलिस उसे कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी करने पर पकड़ लेती है।वह व्यक्ति पुलिस को कहता है कि वह जिला कलक्टर का रिश्तेदार है। यानी उस व्यक्ति ने पुलिस को प्रभावित करने का प्रयास किया।उस व्यक्ति ने कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया को मोबाइल पर कहा,- साहब मैं अलवर आ गया हूं लेकिन पुलिस ने मुझे पकड़ लिया
कलक्टर ने उस व्यक्ति को कहा गाइडलाइन का उलंघन किया है तो पुलिस पकड़ेगी भी और चालान भी अवश्य होगा।कलक्टर के लिए पहले राज्य सरकार के निर्देश महत्वपूर्ण और जरूरी है फिर रिश्तेदारी है।कलक्टर पहाड़िया ने वहाँ मौजूद पुलिसकर्मी से मोबाइल पर ही चालान काटने के आदेश दिए।यह सुनकर वह व्यक्ति हक्का बक्का रह गया और उस व्यक्ति को चालान कटवाना ही पड़ा।
असल में वह व्यक्ति झूठ नहीं बोल रहा था वाकई वह जिला कलक्टर नन्नूमल पहाड़िया का ही रिश्तेदार था लेकिन उसे यह ज्ञान नहीं था कि पद की गरिमा रिश्तेदारी से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।
दरअसल उस व्यक्ति की जगह कोई और भी होता तो वह भी ऐसे ही कहता।कलक्टर या फिर किसी आईपीएस का कोई भी रिश्तेदार होता है तो उसके एटीट्यूट में कुछ तो बदलाव आ जाना स्वाभाविक ही है।ग्रामीण क्षेत्र में परिवार में किसी के कलक्टर-एसपी होने पर तमाम ग्रामीण उस परिवार के प्रत्येक सदस्य और रिश्तेदारों को कलक्टर,एसपी के नाम से ही पुकारने लगते है।ऐसे में उस परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के एटीट्यूट में कुछ बदलाव आना सामान्य है लेकिन वे लोग भूल जाते है कि पहले वे कलक्टर, एसपी है इसके बाद ही वे परिवार के सदस्य या फिर रिश्तेदार है।