समस्या समाधान की आड़ में किया जा रहा स्कूल और कोचिंग संस्थानों का संचालन
भरतपुर,राजस्थान / पदम चंद जैन
डीग- उपखंड के शहरी व ग्रामीण इलाकों में राज्य सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर समस्या समाधान की आड़ में निजी विद्यालय संचालको द्धारा स्कूलों का संचालन कर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारी और उप जिला प्रशासन इस दिशा में मुख दर्शक बना हुआ है । निजी स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के संचालक राज्य सरकार के जारी आदेशों के बावजूद कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों के सरकारी व निजी स्कूलों में समस्या समाधान की आड़ में कक्षा 9 से 12 वीं के बच्चों की क्लासें संचालित की जा रही हैं । वहीं कोरोना के बढ़ते आँकड़ों के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा पहले ही 1 नवंबर से 16 नवंबर तक और 17 से 30 नवंबर तक सभी स्कूल कॉलेज व कोचिंग सेंटर बंद करने के आदेश दिए गए हैं ऐसे में स्कूल व कोचिंग सेंटर खुलना लगता है कि अधिकारी व शैक्षणिक संस्थानों के संचालक सरकार के आदेशों के प्रति बेपरवाह दिखाई दे रहे हैं । कोरोना के दिनोंदिन निरंतर गति से बढ़ना और स्कूल आदि का बैखोफ खुलना आमजन के स्वास्थ्य के साथ एक तरह से खिलवाड़ है । जहाँ इस ओर उपखंड स्तरीय समस्त अधिकारी अपनी आंखें मूंदकर बैठे हैं वहीं कोरोना के चलते एवं राज्य सरकार के आदेशों की परवाह नहीं करना भी जिम्मेदारों एक बड़ी लापरवाही मानी जा सकती है । उक्त मामले में सीबीईओ लोकेश गुप्ता ने भी अपनी लापरवाही पर पर्दा डालते हुए कहा कि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है , अगर कोई ऐसा मामला सामने आता है तो निश्चित ही उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी ।