कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कराने के लिए चल रहे हैं इस आंदोलन में देशभर का संत समाज एकजुट- मलूक पीठाधीश्वर श्री राजेंद्र दास
जो ब्रज के पर्वतों के खनन के पक्ष में है वह साधु नहीं हो सकता, संपूर्ण संत समाज को उसका बहिष्कार करना चाहिए- फूलडोल बिहारी दास जी महाराज
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कराने के लिए एक दर्जन साधुओं का अनशन रविवार को चौथे दिन भी जारी है। इस मुद्दे को लेकर गांव पसोपा में जारी धरने 205 वे दिन रविवार को धरना स्थल पर साधु समाज और ग्रामीणों की आंदोलन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
जिसमें आमरण अनशन पर बैठे साधुओं की स्थिति व अब आंदोलन को आगे किस दिशा में ले जाना है इस पर चर्चा की गई । ब्रज संरक्षण समिति के संरक्षक राधा कांत शास्त्री व महंत शिवराम दास ने कहा कि साधुओं को आमरण अनशन पर बैठे आज चार दिन हो चुके है फिर भी सरकार द्वारा अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। यह बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि सरकार साधु-संतों की पीड़ा को अनदेखा कर रही है।
आमरण अनशन पर बैठे 14 साधुओं में से चौथे दिन दो साधुओं के स्वास्थ और रक्तचाप गिरावट देखी गई है। जिसको लेकर आंदोलनकारी काफी चिंतित है ।आंदोलनकारियों ने सरकार को पुनः चेताया है कि उनकी मांगों पर अविलंब कारवाई की जाए। अन्यथा किसी भी साधु के स्थिति गंभीर होते ही सम्पूर्ण क्षेत्र मे विकट परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है।
संत समाज इस बात को लेकर बड़ा क्षुब्ध हैं। कि कुछ साधु वेश धारी इस संपूर्ण आंदोलन की खिलाफत कर रहे हैं ।अखिल भारतीय चतु: सम्प्रदाय के अध्यक्ष फूलडोलबिहारी दास जी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि जो ब्रज के पर्वतों के खनन के पक्ष में है वह साधु नहीं हो सकता, संपूर्ण संत समाज को उसका बहिष्कार करना चाहिए । उन्होंने कहा है जो कोई भी साधु खनन माफिया के प्रभाव में आकर इस आंदोलन के विरोध में बयान बाजी कर रहा है ।वह किसी भी स्थिति में संत समाज का प्रतिनिधि नहीं हो सकता वह कलयुगी कालनेमि है । मलूक पीठाधीश्वर जगद्गुरु देवाचार्य राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त करने के लिए चल रही इस मुहिम में ब्रज व सम्पूर्ण भारतवर्ष का संत समाज सम्मिलित है व मान मंदिर के रमेश बाबा महाराज की प्रेरणा से चल रहा यह आंदोलन ब्रज की आराध्य धरोहर की रक्षा का एक अनुपम कार्य है ।जिससे हर वैष्णव को जुड़ना चाहिए। जो कोई भी इस सतकार्य का विरोध कर रहा है। वह चाहे साधु हो या कोई अन्य,संत समाज को कदापि स्वीकार्य नहीं है। वहीं सुदामा कुटी, वृंदावन के के श्रीमहंत महामंडलेश्वर सुतीक्ष्ण दास ने कहा है कि ब्रज वृंदावन का समूचा संत समाज पूज्य रमेश बाबा महाराज के ब्रजभूमि की सेवा के लिए किए जा रहे प्रत्येक कार्य में संपूर्ण रूप से साथ रहा है, फिर भले ही वह यमुना जी की मुक्तिकरण का विषय हो या ब्रज की संस्कृति अथवा ब्रज के पहाड़ों के रक्षण का कार्य हो, हम सब ब्रज के पर्वतों को बचाने के इस आंदोलन में संपूर्ण रूप से सहभागी हैं। मोर कुटी वृंदावन के महामंडलेश्वर परमेश्वर दास ने ब्रज के पर्वतों की रक्षा के इस आंदोलन को भगवान की सच्ची आराधना बताते हुए कहा कि वृंदावन ही नहीं समूचे भारत के सभी अखाड़े, चतु: संप्रदाय सब इस आंदोलन के साथ हैं, व राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि तत्काल साधुओं की व ब्रजवासियों की मांगो को अविलंब स्वीकार कर ब्रज के दोनों पर्वतों का रक्षण करें।