श्रवणकुमार बने भीलवाड़ा सभापति पाठक, 87 दिवंगतों के अस्थिकलश विसर्जन के लिए हरिद्वार रवाना
मोक्षधाम में रखे हुए थे अस्थिकलश, कोरोनाकाल में हुए थे दिवंगत, परिजन अस्थियां लेने नहीं आए
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) शहर के प्रथम नागरिक नगर परिषद सभापति राकेश पाठक मंगलवार को शहरवासियों के लिए श्रवणकुमार बन गए , कोरोनाकाल में दिवंगत हुए 87 आत्माओं के अस्थिकलश हरिद्वार विसर्जन के लिए लेकर रवाना हुए। इन दिवंगतों के अस्थिकलश मोक्षधाम में रखे हुए थे और कोरोना के डर से कोई परिजन या रिश्तेदार अस्थियां लेने भी नहीं आए थे। कोरोना महामारी की चपेट में आए इन दिवंगतों का अंतिम संस्कार भी परिषद द्वारा सभापति राकेश पाठक ने ही कराया था। जब कोई परिजन दिवंगत अस्थिकलश लेने नहीं आया तो सभापति राकेश पाठक ने इन दिवंगत आत्माओं के पुत्र का दायित्व निभाने के लिए श्रवणकुमार की भूमिका निभाने का संकल्प लिया और स्वंय के खर्च पर इन अस्थियों को पूर्ण विधि विधान से विसर्जन के लिए हरिद्वार ले जाने का संकल्प लिया।
अस्थिकलश विसर्जन के लिए सभापति पाठक 32 पार्षदों संग हरिद्वार रवाना हुए। धार्मिक भजनों की स्वरलहरियों के मध्य अस्थिकलश यात्रा नगर परिषद परिसर से मंगलवार शाम 4 बजे पूर्ण भक्ति भाव से बेंड बाजे के साथ निकाली गई। यात्रा में आगे जनप्रतिनिधि ओर सामाजिक,धार्मिक व राजनीतिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता चल रहे थे। सबसे पीछे एक वाहन था, जिसमे अस्थिकलश रखे हुए थे। अस्थिकलश रवाना करने से पहले उनकी पूजा निम्बार्क आश्रम के महंत मोहनशरण शास्त्री, समोडी के रामदास महाराज, नगर व्यास राजेन्द्रजी, पंडित ओम पाराशर व पंडित अशोक शर्मा ने की। अस्थिकलश यात्रा में भीलवाड़ा विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी, भाजपा भीलवाड़ा जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली, उप सभापति रामलाल योगी, नगर परिषद आयुक्त दुर्गाकुमारी, पूर्व सभापति ओम नराणीवाल, कांग्रेस जिला संगठन महामंत्री महेश सोनी आदि शामिल थे। अस्थि कलश लेकर हरिद्वार जाने वाले सभापति राकेश पाठक ओर पार्षदों को विदा करने समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि नगर परिषद पहुचे थे।
अस्थि विसर्जन यात्रा बुधवार सुबह हरिद्वार पहुच जाएगी। यहां सभापति राकेश पाठक पार्षदों के साथ मिलकर उन अस्थिकलश को मोक्षदायनी गंगा नदी के पवित्रजल में विसर्जित करेंगे। इन दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए पूजा अर्चना कराई जाएगी। इससे पहले दिवंगतों को अपने श्रीचरणो में स्थान प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए श्रदांजलि भी अर्पित की जाएगी।