दिपावली मिलन समारोह में समाजसेवीयों का किया सम्मान
बयाना /भरतपुर/ राजीव झालानी
बयाना 24 अक्टूबर। कस्बे के एक मैरिज होम में रविवार को श्रीमित्रभारत समाज संस्थान की ओर से दिपावली मिलन समारोह का आयोजन प्रमुख गौसेवक नरेन्द्र कुमार हर्ष की अध्यक्षता व स्वामी हरिचेतन्यपुरी महाराज एवं गांधीवादी वयोवृद्ध खादी सेवक रामभरोसी गुप्ता के सानिध्य में हुआ। जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता व पूर्व जिला जज भगवानदास अग्रवाल मुख्यअतिथी के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर संस्थान की नवगठित कार्यकारिणी के पदाधिकारीयों को पद की शपथ दिलाई गई। एवं विभिन्न समाज सेवी दम्पत्तियों, प्रमुख पत्रकारों व उल्लेखनीय कार्य करने वाले अनेक लोगांे का विशेष रूप से स्वागत सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में पूर्व आईएएस बीएल गुप्ता, डॉ.जगदीश पारीक,अधिवक्ता विश्वेष गुप्ता, पुलिस उपाधीक्षक अजय शर्मा, समाजसेविका डॉ.लक्ष्मीगुप्ता व नवीन पाराशर सहित अन्य अतिथी भी मौजूद रहे। समारोह के आरंभ में संस्थान के संस्थापक व समाजसेवी भगवता कटारा ने संस्थान की ओर से संचालित विभिन्न परोपकारी, रचनात्मक व सामाजिक गतिविधीयों की जानकारी देते हुए आगंतुक अतिथियों का स्वागत सम्मान किया। समारोह को संबोधित करते हुए चेतन्यपुरी महाराज ने कहा कि सम्मान वह नही जो मांगने या सिफारिश से मिलता है। सच्चा सम्मान वही होता है जो अपने आप मिलता है और यह सम्मान आपके कार्यों व व्यवहार और समाजसेवा व समर्पण और विशेष योग्यता से ही प्राप्त हो पाता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति का यह नियम है कि जो बोओगे वही मिलेगा। इसी प्रकार आप समाज को जो दोगे उसके बदले समाज भी आपकों वही देगा। उन्होंने उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सांस्कृतिक व आध्यात्मिक एवं धार्मिक परम्पराओं से सम्पन्न और समृद्ध देश है। जहां धर्म, सद्कर्म, अच्छे चरित्र, ईमानदारी, परोपकार व सहकार को विशेष अहमियत दी जाती है। उन्होंने बडे ही वेदना भरे स्वर में कोविड संकट की घडी का उल्लेख करते हुए कहा कि कोविड संकट के समय में जहां हमने ऐसे लोगों को भी देखा जो जिन्दगी और मौत से जूझ रहे पीडित मरीजों व उनके परिजनों से वैक्सीन, दवाईयो, ऑक्सीजन व एम्बूलैंस जैसी सेवाओं के मुंह मांगे कई गुना रेट लेकर उन्हें लूटने में लगे थे। वही ऐसे भी बहुत सारे लोगों को देखा गया। जो अपनी जान और धन की परवाह किए बिना कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों की समर्पण भाव से सेवा और मदद व सहयोग करने में जुटे हुए थे। यही हमारे भारत की एक पहचान है कि संकट की घडी में हम किसी की भी मदद करने के लिए तत्पर भी रहते है। उन्होंने कहा कि किसी के काम आना और जरूरत के समय मदद या परोपकार के काम करना भी किसी तपस्या, साधना व पुण्य तीर्थ से कम नही है और ऐसे कार्य करने से जो आत्मिक सुकून व सुख की प्राप्ती होती है वह सुकून बाजार में करोडों रूपए खर्च कर भी प्राप्त नही किया जा सकता।