प्रधानमंत्री आवास योजना के फर्जीवाडे में सीबीआई जांच कराने को लेकर सांसद से मिले सामाजिक कार्यकर्ता
प्रधानमंत्री के नाम सौंपा पत्र
भरतपुर (राजस्थान/ मुकेश कुमार) कामां कस्बां के सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने सांसद रंजीता कोली से उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर मुलाकात कर प्रधानमंत्री आवास योजना में दोषी पाए गए कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराने को लेकर प्रधानमंत्री के नाम पत्र दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने कामा व पहाड़ी की ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए लाखों रुपए के भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली में रंजीता कोली से मुलाकात कर पत्र के साथ जांच पत्रावली प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पत्र दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता ने पत्र में बताया कि कामा व पहाड़ी की ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया है जिसमें मुख्य सचिव द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद भरतपुर के प्रशिक्षु आईएएस अमित यादव द्वारा कराई गई जांच में सहायक अभियंता, सहायक लेखा अधिकारी,कनिष्ठ सहायकों सहित दर्जनों ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारीयों को प्रधानमंत्री आवास योजना फर्जीवाड़ा करने का दोषी पाया है, इस योजना में गरीब बेघर लोगों को चयनित कर मकान बनवाने थे लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण कामा पहाड़ी की ग्राम पंचायतों में रसूखदार समृद्ध अपात्र लोगों को पहले से बने हुए मकानों को इस योजना के अंतर्गत बना हुआ दिखाकर बिना जियोटेग किए फोटो का मौके पर मिलान नहीं करते हुए करते हुए कई लाभार्थियों के मकान बिना बनाए ही तथा आधे अधूरे ऐसे लोग जिनको पूर्व में भी इस योजना का लाभ मिल चुका है उसको दोबारा स्वीकृति जारी कर मौके पर कच्ची झोपड़ी बनी हुई होने पर तथा गांव में जिस नाम का कोई भी लाभार्थी नहीं रहता है उनके नामों से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत तीनों क़िस्तों का फर्जी भुगतान कर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की दोषी पाए गए हैं और क्षेत्र में प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना से आज भी अधिकांश गरीब लोग बेघर बने हुए हैं राजनीतिक संरक्षण के प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले सरकारी कर्मचारी इन्हीं पंचायतों में कार्य कर रहे हैं इन सभी दोषी कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त कर इनके खिलाफ सीबीआई में फर्जीवाड़ा मुकदमा दर्ज कराया जाए।