बैलगाड़ी से दुल्हन लेने पहुंचा दुल्हा, बारातियों को याद आया पुराना दौर
करेड़ा (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बृजेश शर्मा) चावण्डिया पंचायत के डांग का खेड़ा निवासी दूल्हा तुलसी राम कुमावत बारातियों को बैलगाड़ी में बैठाकर दुल्हन के घर पहुंचा. इस दृश्य को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दूल्हे तुलसी का कहना है कि उसने अपनी पुरानी परंपराओं को पुनर्जीवित करने और पर्यावरण को बचाने के लिए यह संदेश दिया है. बैलगाड़ी से बारात लेकर दुल्हन के घर तक पहुंचे तुलसी को देखकर बुजुर्गों को अपना समय याद किया। और किस्से सुनाए. अब लोगों का कहना है कि पर्यावरण को बचाने के लिए इस तरह के कदम सबको उठाने होंगे.
बैलगाड़ी में बारात करेड़ा क्षेत्र की चावण्डिया पंचायत के डांग का खेड़ा निवासी लादू लाल कुमावत अपना बेटा तुलसीराम की बरात 7 बेल गाड़ियों में लेकर चावण्डिया पहुचा बैलगाड़ी को आकर्षक ढंग से सजाया गया। दुल्हन जीना देवी कुमावत के पिता बेणीराम ने बैलगाड़ी में आई बारात का स्वागत किया. इसके बाद विधि विधान से पुत्री जीना का विवाह संपन्न हुआ।
- चर्चा की विषय रही बैलगाड़ियों वाली बारात-
अक्सर सुनने को मिलता है कि दादा और नाना की बारात बैलगाड़ी से गई थी. जिसमें ससुराल पहुंचने में कई दिनों का सफर तय करना पड़ा था. वर्तमान समय में अगर कोई यह कहे कि किसी की बारात बैलगाड़ी में जाएगी तो लोगों को मुश्किल से विश्वास होगा. कई वर्षों बाद पुरानी परंपरा से निकली इस बारात इलाके में चर्चा विषय बन गई है. बारात जिस गांव और चौराहे से निकली वहां लोग इस बरात को देखने के लिए अपने-अपने घरों से बाहर और छतों पर आ गए।