नाबालिग बच्ची अपहरण मामले को लेकर अधिकारियों की लापरवाही एक माह से थाने के चक्कर काट रहा पिता
पीड़ित पिता ने पारोली थाने के पुलिसकर्मियों पर 60 हजार रुपए वसूलने का लगाया आरोप
भीलवाड़ा (राजस्थान) सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए कितने ही कानून बना ले , लेकिन अधिकारीयो की लापरवाही व उदासीनता के चलते जमीनी हकीकत पर महिलाओं को न्याय दिलाना तो दूर सुनवाई तक नहीं हो रही हैं ।
भीलवाड़ा जिले की पारोली थाना क्षेत्र के एक पीड़ित पिता ने आज भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा को दिए प्राथना पत्र में बताया कि मेरी नाबालिग पुत्री मेरे साडू के पास रहती थी , मै 3 मई को मेरी पुत्री को में प्रातः 9:00 मेरे गांव लेकर आया था , सभी परिवार जन खाना खाकर सो गए रात्रि के करीब 2 बजे आरोपी रोडू पुत्र जस्सा बंजारा निवासी आमली कला व उनके साथ आए उनके पिता जस्सा बंजारा सहित चार पांच लोग वाहन में सवार होकर आए और घर में सो रही मेरी नाबालिग पुत्री को जेवरात सहित जबरन अपहरण कर ले गए ।
इस संबंध में मैंने 3 मई 2021 को पारोली थाने में रिपोर्ट पेश की थाने में 16 मई को उक्त आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 363 एवं भारतीय दंड संहिता 1860 की 366-a के तहत मुकदमा दर्ज किया।
परंतु पत्रावली के अनुसंधान अधिकारी ने अभियुक्त गण से मिलीभगत कर रखी है , अनुसंधान अधिकारी ने जानबूझकर मेरी नाबालिग पुत्री को बरामद नहीं कर रहे हैं ।आरोपी मेरी नाबालिग पुत्री की जबरन शादी करवा सकते हैं या अन्यत्र कहीं भी बेच सकते हैं ।और मुझे उक्त अनुसंधान अधिकारी द्वारा किए गए कार्रवाई से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है , और श्रीमान से निवेदन है कि मुकदमा संख्या 47_ 2021 थाना पारोली जिला भीलवाड़ा की पत्रावली में अन्य अधिकारी से अनुसंधान करा मेरी बेटी को बरामद करने का निवेदन किया वही । भीलवाड़ा जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने अति शीघ्र अनुसंधान टीम बनाकर बालिका को बरामद करने का आश्वासन दिया ।
- रिपोर्ट:- बृजेश शर्मा