ईश्वर के रूप में दो फरिश्ते है मां बाप- मुनि
शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार मुनि श्री अतुल कुमार काओम सेवा संस्थान भीलवाड़ा मंगरोप रोड पर हुआ आगमन
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) गणतंत्र दिवस पर मुनि श्री के सानिध्य में झंडारोहण एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित हुए। शासन श्री मुनि रविंद्र कुमार ने प्रेरणा पाथेय देते हुए कहा कि हम सब शांति चाहते है, शांति हमारे भीतर ही है । चिंतन की स्वस्थता चित्त को प्रसन्नता प्रदान करती है । चित्त समाधि रखे ।जिस परिस्थिति में है उसमें समभाव बना रहे ।
मुनि श्री ने मुनि अतुल कुमार की सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि- आचार्यश्री महाश्रमण ने मुझे अतुलाश्रम में भेज दिया । मुनि अतुल जागरूकता से, तत्परता से मेरी सेवा करते है।मुझे इनके सेवा कार्यों से चित्त समाधि और प्रसन्नता की अनुभूति है।
मुनिश्री अतुल कुमार ने कहा भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में बना । संविधान में मानव के सर्वांगीण विकास हेतु नियमों और कानूनों का संग्रह है । संविधान में मानवाधिकार की आवाज इतनी बुलंद है कि देश के सर्वोच्च पदाधिकारी राष्ट्रपति को भी न्यायालय लाया जा सकता है । देशवासियों को संविधान का सम्मान करना चाहिए। मुनिश्री ने आगे कहा कि भगवान ने भी इंसान के लिए संविधान बनाए है और इनकी अवेहलना करने पर कुदरती आपदाएं भी आती है। मां बाप ईश्वर ने अपने रूप में दो फरिश्ते धरती पर भेजे है।
एक दृष्टांत के माध्यम से मुनिश्री ने कहा एक बच्चा भगवान से कहता तुम मुझे बच्चे के रूप में धरती पर भेज तो रहे हो पर वहा मुझे कौन संभालेगा, तब भगवान ने कहा तुम चिंता मत करो तुम्हारे से पहले दो फरिश्ते वहा भेज दिए है
- मां बाप ! "मत रुलाना मां बाप को कुदरत कहर बरपा देगी।
एक आंसू जो छलका आंख से, तेरे सुनामी ला देगी"
मुनि श्री ने वृद्धाश्रम में आश्रित वृद्धजन को संबोधित करते हुए कहा कि सारे रिश्ते कर्मों पर आधारित होते है इसलिए मन में किसी के प्रति राग द्वेष न रखे। चित्त में प्रसन्नता रखे,सुख दुख दोनो प्रभु के है,हृदय से स्वीकार करे, शिकायते करना छोड़ दे । मां बाप के संदर्भ में कहा कि वो संताने निष्ठुर और निर्दयी है जो मां बाप का दर्द नहीं समझती है । इंसान जब छोटा बच्चा था तब भाई भाई आपस में लड़ते थे और कहते थे मां मेरी है मां मेरी है । अब बड़े हो गए और लड़ते है तो कहते है मां तेरी मां तेरी है। मुनिश्री ने कहा कुदरत ऐसी संतानों से कर्ज वसूलेगी । मुनि श्री ने कहा कि संस्थान के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं । संस्थान की सुंदर व्यवस्था देखकर मुनिद्वय अभिभूत हो गए। इस अवसर पर अपर जिला सेशन न्यायाधीश महेंद्र दवे ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संस्थान मन को सुकून देने वाला है।
तेरापंथी सभा अध्यक्ष भेरूलाल चोरड़िया ने मुनिद्वय का स्वागत एवं संस्थान के प्रति विचार व्यक्त किए । महिला मंडल अध्यक्षा मीना बाबेल मंडल की ओर से गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएं दी । तेरापंथ महिला मंडल ने मंगलाचरण प्रस्तुती दी । इस अवसर पर निर्मल गोखरू, अणुव्रत समिति अध्यक्षा आनंद बाला टोडरवाल, मदनलाल टोडरवाल, मीडिया प्रभारी नीलम लोढ़ा, विनोद मारू, बाबूलाल बोहरा, राजेंद्र पोरवाल, अशोक बुरड़, मनोज लोढ़ा, निर्मल सुतरिया, विमला रांका, मधु ओस्तवाल, नेहा ओस्तवाल, यशवंत सुतरिया, सुधा पोरवाल, सोनाली पोरवाल, महक पोरवाल, ममता लोढ़ा एवं बड़ी संख्या में जैन जैनेतर लोग उपस्थित थे ।ओम सेवा संस्थान के अध्यक्ष राजकुमार बूलिया ने समागत मुनिद्वय का भावों से स्वागत करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की । इस शुभ अवसर पर अंकिता फार्मा उदयपुर से भगवत सिसोदिया ने ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपए का संस्थान को सहयोग प्रदान कि गयी ।